स्थापना दिवस से पहले एनटीपीसी ने दोहराई ऊर्जावान भारत के निर्माण की प्रतिबद्धता
स्थापना दिवस से पहले एनटीपीसी ने दोहराई ऊर्जावान भारत के निर्माण की प्रतिबद्धता

स्थापना दिवस से पहले एनटीपीसी ने दोहराई ऊर्जावान भारत के निर्माण की प्रतिबद्धता

-एनटीपीसी कल पूरी करेगा अपनी उद्देश्यपूर्ण यात्रा के 45 वर्ष नई दिल्ली, 06 नवम्बर (हि.स.)। विद्युत मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेड ने अपने स्थापना दिवस से पहले राष्ट्र निर्माण और भारत को ऊर्जावान बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई है। देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड की स्थापना 07 नवम्बर, 1975 को हुई थी। तब से लगातार भारत में बिजली क्षेत्र में बदलाव लाने में प्रयासरत है। भविष्य की योजनाओं पर काम करते हुए एनटीपीसी अगले दशक से नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से 32 हजार मेगावाट क्षमता बिजली हासिल करने की योजना बना रहा है। पिछले 45 वर्षों में देश में बिजली क्षेत्र के लिए ध्वजवाहक रहा एनटीपीसी वर्तमान की 62 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता से बढ़कर वर्ष 2032 तक 130 गीगावाट क्षमता वाली कंपनी बनने की योजना पर काम कर रहा है। अक्षय ऊर्जा की दिशा में वैश्विक रुझान के अनुरूप एनटीपीसी इसके जरिए ही 32 हजार मेगावाट क्षमता प्राप्त करने को प्रयासरत है। वर्तमान में एनटीपीसी के पास 2,404 मेगावाट की अक्षय ऊर्जा (आरई) परियोजनाएं हैं, जिनमें से 237 मेगावाट एनटीपीसी के मौजूदा स्टेशनों पर जलाशयों में स्थित तैरती सौर परियोजनाओं से संभव है। वास्तव में गैर-पीपीए मोड के तहत स्थापित की जा रही, रामागुंडम 100 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर परियोजना देश में सबसे बड़ी है। अक्षय ऊर्जा की दिशा में क्रमिक बदलाव एनटीपीसी की स्थायी बिजली उत्पादन और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है। एनटीपीसी वर्तमान में एफजीडी उपकरणों की तैनाती के लिए भारी निवेश कर रहा है ताकि हानिकारक उत्सर्जन में कटौती की जा सके। वहीं पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए एनटीपीसी इन-फील्ड फसल अवशेषों को जलाकर बिजली उत्पादन के लिए कृषि अवशेषों के उपयोग की दिशा में भी काम कर रहा है। एनटीपीसी ने बायलर में कोयले के साथ-साथ बायोमास टुकड़ों को जलाने की जिम्मेदारी स्वीकार की है। यही नहीं, एनटीपीसी पावर प्लांट ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू करके, अनुपालन नियमों से परे जाकर, पानी की खपत के संदर्भ में नए मानदंड स्थापित किए हैं। फ्लाई ऐश का शत-प्रतिशत इस्तेमाल एनटीपीसी का महत्वपूर्ण प्रयास है। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/सुनीत-hindusthansamachar.in

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