सोनिया ने मोदी सरकार को बताया- संविधान मूल्यों और परंपराओं के खिलाफ
सोनिया ने मोदी सरकार को बताया- संविधान मूल्यों और परंपराओं के खिलाफ

सोनिया ने मोदी सरकार को बताया- संविधान मूल्यों और परंपराओं के खिलाफ

नई दिल्ली, 15 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर शनिवार को लोगों को शुभकामनाएं देने के साथ ही केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संवैधानिक मूल्यों व स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है। उन्होंने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शहीद हुए 20 जवानों को याद करते हुए कहा कि भारतीय भूभाग की रक्षा करना और चीनी घुसपैठ को विफल करना ही इन शहीदों को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी। स्वतंत्रता दिवस पर जारी अपने शुभकामना संदेश में सोनिया ने कहा कि ‘सभी को 74वें स्वाधीनता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। भारतवर्ष की ख्याति विश्व भर में न सिर्फ प्रजातांत्रिक मूल्यों और विभिन्न भाषा, धर्म, संप्रदाय के बहुलतावाद की वजह से है, अपितु भारत प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना एकजुटता के साथ करने के लिए भी जाना जाता है।’ उनके कहा कि आज जब समूचा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है, तब भारत को एकजुट होकर इस महामारी को परास्त करने के प्रतिमान स्थापित करने होंगे। उन्होंने कहा कि पूरा विश्वास है कि हम सब मिलकर इस महामारी व गंभीर आर्थिक संकट से उबर जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने आजादी के बाद अपने प्रजातांत्रिक मूल्यों को समय समय पर परीक्षा की कसौटी पर परखा है और उसे निरन्तर परिपक्व किया है। लेकिन आज ऐसा प्रतीत होता है कि वर्तमान की सरकार प्रजातांत्रिक व्यवस्था, संवैधानिक मूल्यों व स्थापित परंपराओं के विपरीत खड़ी है। भारतीय लोकतंत्र के लिए ये परीक्षा की घड़ी है। गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए सोनिया ने कहा कि आज कर्नल संतोष बाबू समेत हमारे 20 जवानों की वीरगति को भी 60 दिन बीत चुके हैं। मैं उनकी वीरता को नमन करती हूं और सरकार से आग्रह करती हूं कि वे उन्हें उचित सम्मान दें। उन्होंने कहा कि भारत मां की सरजमीं की रक्षा व चीनी घुसपैठ को विफल करना इन शहीदों को सबसे बड़ी होगी। सोनिया गांधी ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज हर देशवासी को यह सोचने की आवश्यकता है कि आजादी के क्या मायने हैं? क्या आज देश में लिखने, बोलने, सवाल पूछने, असहमत होने, विचार रखने, जबाबदेही मांगने की आजादी है? उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते ये हमारा उत्तरदायित्व है कि हम भारत की प्रजातांत्रिक स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखने का हरसंभव प्रयत्न व संघर्ष करें। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/सुनीत-hindusthansamachar.in

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