समुद्रीय क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से शिपिंग मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय ने किया समझौता
समुद्रीय क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से शिपिंग मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय ने किया समझौता

समुद्रीय क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से शिपिंग मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय ने किया समझौता

समुद्रीय क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से शिपिंग मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय ने किया समझौता - शिपिंग मंत्रालय रोजगार के अवसर की करेगा पहचान, कौशल विकास मंत्रालय लोगों को देगा ट्रेनिंग नई दिल्ली, 20 अगस्त(हि.स.)। समुद्रीय क्षेत्र में रोजगार के बढ़ते अवसर के मद्देनजर शिपिंग मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच आज डिजिटल रूप से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस समझौता पर कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय और शिपिंग (स्वतंत्र प्रभार) एवं रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया और विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (स्वतंत्र प्रभार) और कौशल विकास तथा उद्यमिता राज्य मंत्री आर.के.सिंह तथा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। शिपिंग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया ने इस मौके पर कहा कि यह भागीदारी तटीय क्षेत्रों के युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर और बेहतर संभावनाएं उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि यह भारत और वैश्विक स्तर पर बंदरगाहों और समुद्रीय क्षेत्र के विकास के लिए कुशल जनशक्ति को बढ़ावा देगा। इससे समुद्रीय परिवहन क्षेत्र के सामने आने वाले विविध मुद्दों का समाधान करने में भी मदद मिलेगी। इस समझौते से देश व अंतर्राष्ट्रीय तटीय लाइनों में प्रशिक्षित लोगों को अवसर उपलब्ध हो पाएगा। इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पांडेय कहा कि शिपिंग मंत्रालय के साथ यह रणनीतिक भागीदारी का उद्देश्य वैश्विक मानकों के प्रशिक्षित कार्यबल तैयार करना है। उचित प्रशिक्षण और प्रदर्शन से हमारे युवा नई उंचाइयों पर पहुंचेंगे और शिपिंग क्षेत्र के विकास में अपना योगदान देंगे। क्रूज पर्यटन, जहाज निर्माण सहित कई क्षेत्रों में दी जाएगी ट्रेनिंग इस समझौता ज्ञापन के अनुसार कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय क्रूज पर्यटन, लॉजेस्टिक्स, मछली पालन, जहाज निर्माण, जहाज की मरम्मत और जहाज तोड़ने, ड्रेजिंग और समुद्रगामी आपूर्ति श्रृंखला में प्रशिक्षण देगा। इसके लिए मंत्रालय आईटीआई, एनएसटीआई, पीएमकेकेतथा पीएमकेवीवाई केंद्र जैसे मौजूदा बुनियादी ढांचों का उपयोग करेगा। तटीय समुदायों के विकास सागरमाला कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य और तटीय समुदाय विकास गतिविधियों के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। हिन्दुस्थान समाचार, विजयलक्ष्मी-hindusthansamachar.in

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