संवेदना-से-धागों-से-बुनी-गयी-किताब-है-सच्चिदानंद-जोशी-की-‘जिंदगी-का-बोनस’
संवेदना-से-धागों-से-बुनी-गयी-किताब-है-सच्चिदानंद-जोशी-की-‘जिंदगी-का-बोनस’

संवेदना से धागों से बुनी गयी किताब है सच्चिदानंद जोशी की ‘जिंदगी का बोनस’

नई दिल्ली। प्रख्यात संस्कृतिकर्मी और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डा. सच्चिदानंद जोशी की रम्य रचनाओं की पुस्तक ‘जिंदगी का बोनस’ का लोकार्पण इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में पद्श्री से अलंकृत प्रख्यात व्यंग्यकार अशोक चक्रधर ने किया। इस मौके पर पद्मश्री से सम्मानित नृत्यांगना शोभना नारायण, भारतीय जनसंचार क्लिक »-www.prabhasakshi.com

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