संघर्ष से घबराएं नहीं, मानें निखार की प्रक्रिया : प्रिया प्रकाश श्रीवास्तव
संघर्ष से घबराएं नहीं, मानें निखार की प्रक्रिया : प्रिया प्रकाश श्रीवास्तव

संघर्ष से घबराएं नहीं, मानें निखार की प्रक्रिया : प्रिया प्रकाश श्रीवास्तव

सफलता के लिए दिया माता-पिता को श्रेय, भाई को बताया सहयोगी महेश पटैरिया झांसी, 12 दिसम्बर(हिं.स.)। जीवन संघर्षों की यात्रा है। परिस्थितिवश हम संघर्ष करते हैं। जीवन में परेशानियों को केवल चुनौतियां न माने, उन्हें निखार की प्रक्रिया मानें। कभी हौसला न हारें। यह संदेश बेरोजगारी का दंश झेल रहे युवाओं को समझाइश देते हुए दो दिन पूर्व यूपीपीएससी 2020 की परीक्षा में सहायक अभियोजन अधिकारी के पद पर दसवीं रेंकिंग पर चयनित हुई प्रिया प्रकाश श्रीवास्तव ने दिया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता माया देवी-पिता स्व.अधिवक्ता ओमप्रकाश श्रीवास्तव व भाई शुभम के सहयोग को दिया। उन्होंने कहा कि यह तो तय था कि सफलता मिलेगी, लेकिन इतनी शानदार व ऐतिहासिक होगी ये यकीन नहीं था। वह हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता कर रहीं थी। भूतभावन भगवान भोलेनाथ को अपना सबकुछ मानने वाली प्रिया प्रकाश श्रीवास्तव शनिवार को प्रयागराज से अपनी मां के साथ झांसी के मोहल्ला नई बस्ती स्थित अपने घर पर पहुंची। इससे पूर्व ही रेलवे स्टेशन पर उनका ढोल नगाड़ों के साथ जमकर स्वागत किया गया। उनके रिश्तेदारों और परिजनों ने उन्हें फूलों की मालाओं से लाद दिया। सभी के मन में अपार खुशी थी। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए 27 वर्षीय प्रिया ने बताया कि 2013 में पिता ओमप्रकाश श्रीवास्तव का साया सिर से उठ जाने के बाद उनके संघर्ष के दिन शुरु हो गए थे। इस दौरान उन्होंने 2013 से 2018 तक अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाते हुए झांसी कोर्ट में ही वकालत की। इस दौरान उन्होंने दुनिया के बहुत पास से देखा। दुखों का उनके साथ गहरा नाता रहा,लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा। यह भगवान शंकर की कृपा और उनके माता पिता का आर्शीवाद का फल था। जब कभी वह बहुत दुखी हुआ करती थी तो भगवान भोलेनाथ के पास बैठकर रो लिया करती थी। आज जब सफलता उनके कदमों में है तो सबकुछ बहुत आसान सा लग रहा है। सरस्वती शिशु मंदिर से शुरु की शिक्षा एपीओ के पद पर चयनित प्रिया ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा शिशु मंदिर से शुरु की थी। बाद में उन्होंने इण्टरमीडिएट तक भानीदेवी गोयल सरस्वती बालिका विद्या मंदिर से अपनी शिक्षा पूरी की। उसके बाद विपिन बिहारी डिग्री काॅलेज में 2012 में उन्होंने विज्ञान संकाय से स्नातक की शिक्षा पूरी की। इसके बाद एलएलबी की शिक्षा के लिए उन्हें बुन्देलखण्ड महाविद्यालय जाना पड़ा। वहां से 2015 में यह शिक्षा भी पूरी हुई। इसके बाद बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय में बाबू जगजीवनराम से उन्होंने 2017 में एलएलएम की डिग्री हासिल कर प्रयागराज में दो वर्ष तक तैयारी की। जहां सफलता के रुप में उन्हें यूपीपीएससी के माध्यम से 17 पदों में से टाॅप टेन में स्थान मिला। प्रयागराज में लोग कहते थे झांसी की रानी संकल्प की धनी और हाजिर जबाब प्रिया को अपने लक्ष्य की तैयारी के दौरान प्रयागराज में एक नया नाम भी मिला। जिद की पक्की प्रिया के ज्ञान को देखते हुए लोग उन्हें झांसी की रानी के नाम से भी बुलाते थे। ऐसा कोई भी प्रश्न कभी नहीं होता था जिसका उत्तर प्रिया प्रकाश के पास न होता हो। संघर्ष जारी रहेगा प्रिया प्रकाश ने कहा कि यह तो अभी शुरुआत है। भगवान शंकर की कृपा से जल्द ही इससे बड़े पद पर वह पदस्थ होगी। तभी उनके संघर्ष का सच्चा फल उन्हें उनकी नजरों मिलेगा। इसके लिए संघर्ष अभी जारी रहेगा। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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