विश्व धरोहर सप्ताह : युक्ति सम्राट बीरबल का महल उपेक्षा का शिकार
विश्व धरोहर सप्ताह : युक्ति सम्राट बीरबल का महल उपेक्षा का शिकार

विश्व धरोहर सप्ताह : युक्ति सम्राट बीरबल का महल उपेक्षा का शिकार

- प्रदर्शनी में लगी फोटो कर रही दुदर्शा बयां महेश पटैरिया झांसी, 25 नवम्बर (हि.स.)। विश्व धरोहर सप्ताह के तहत आयोजित सात दिवसीय फोटो प्रदर्शनी में बुन्देलखण्ड के विभिन्न किलों व ऐतिहासिक स्थलों के चित्रों का प्रदर्शन किया गया। इस चित्र प्रदर्शनी में युक्ति सम्राट कहे जाने वाले अकबर के नौ रत्नों में से एक बीरबल के महल का भी चित्र प्रदर्शित किया गया था। आश्चर्य तो इस बात का है कि चित्र में ही उस महल की उपेक्षा स्पष्ट होती नजर आई। इसे बुन्देलखण्ड के एनसाइक्लोपीडिया कहे जाने वाले इतिहासविद राज्यमंत्री हरगोविन्द कुशवाहा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। प्रदेश के संस्कृति विभाग के तहत राजकीय संग्रहालय और क्षेत्रीय पुरातत्व ईकाई- झांसी, इंटैक झांसी और ललितपुर चैप्टर एवं बुंदेलखंड इतिहास, पुरातत्व तथा शोध समिति के संयुक्त तत्वाधान में विश्व धरोहर सप्ताह का आयोजन किया गया है। इसका शुभारंभ भारतीय इतिहास में शौर्य की अमिट छाप छोड़ने वाली वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस 19 नवम्बर को हुआ था। इसे बुधवार 25 नवंबर तक संचालित किया गया। इस दौरान विभिन्न कार्याक्रमों छायाचित्र प्रदर्शनी, विरासत स्थलों का स्वच्छता अभियान, हेरीटेज-वॉक, स्पॉट पेंटिंग प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम और व्याख्यान आदि का आयोजन भी किया गया। फोटो चित्र प्रदर्शनी में बुन्देलखण्ड के विभिन्न किलों,गढ़ियों, मंदिरों की मूर्तियों आदि के चित्र प्रदर्शित करते हुए बुन्देलखण्ड की ऐतिहासिक समृद्धता को दर्शाया गया था। प्रदर्शनी में 400 वर्ष पुराने जालौन के कालपी स्थित बीरबल महल के चित्र को भी रखा गया था। इस महल के सामने ही महल की दीवार को अपना हिस्सा बनाते हुए कूड़े और राख का एक बड़ा ढेर भी चित्र में प्रदर्शित किया गया जो बीरबल के महल की उपेक्षा की कहानी स्पष्ट रुप से कह रहा था। बीरबल के महल की उपेक्षा के लिए लिखा जाएगा पत्र इस संबंध में इतिहासविद् राज्यमंत्री हरगोविन्द कुशवाहा ने आपत्ति जताई। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि बीरबल बुन्देलखण्ड की शान रहे हैं। वह विश्व की प्रथम राजधानी एरिकच्छ (एरच) के इस्किल गांव में पैदा हुए थे। उसके बाद वह कालपी पहुंचे। उनके बगैर अकबर महान कहे जाने वाले सम्राट की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अकबर का नाम भी लोग बिना बीरबल के नहीं समझ पाते। बाबजूद इसके उनके महल की इस तरह उपेक्षा निंदनीय है। उन्होंने कहा कि वह कालपी नगर पालिका पत्र लिखकर बीरबल के महल की साफ सफाई कराने और उस विरासत को संजोए रखने के लिए कहेंगे। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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