विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने का अनुरोध
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने का अनुरोध

विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने का अनुरोध

नई दिल्ली, 21 सितम्बर (हि.स.)। विपक्ष के विरोध के बावजूद राज्यसभा में कृषि संबंधी दो विधेयकों के पारित होने के एक दिन बाद विपक्षी दल फिर से लामबंद हैं। कृषि विधेयक के अलोकतांत्रिक तरीके से पारित किए जाने का आरोप लगते हुए कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया है कि वह इन दोनों पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर न करें। विपक्षी दलों कांग्रेस, वाम दल, राकांपा, द्रमुक, सपा, तृणमूल कांग्रेस और राजद के नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। पत्र में विपक्ष ने उनसे हस्तक्षेप करने और कृषि विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने का अनुरोध किया है। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ही ये विधेयक कानून बन सकते हैं। विपक्ष के नेताओं ने पत्र के जरिये राष्ट्रपति को सरकार द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से एजेंडा आगे बढ़ाने की भी बात बताई है। विपक्ष का दावा है कि दोनों विधेयक किसानों के हितों के खिलाफ हैं और इसमें खेती के कॉरपोरेट हाथों में जाने की आशंका है। विपक्ष ने इन विधेयकों को कृषि क्षेत्र के लिए ‘‘मौत का फरमान’’ बताया है। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए समय भी मांगा है। संभवत: मंगलवार को यह बैठक हो सकती है। विपक्षी दलों के अलावा एनडीए का सहयोगी शिरोमणि अकाली दल भी कृषि विधेयक के खिलाफ है। ऐसे अकाली दल नेतृत्व भी राष्ट्रपति से अलग से मुलाकात कर विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने का अनुरोध करने वाला है। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/सुनीत-hindusthansamachar.in

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