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विपक्ष में रहते हुए भाजपा नेताओं को एमनेस्टी इंटरनेशनल से हिम्मत मिलती थी तो सत्ता में आने के बाद यही संस्था खटकने क्यों लगी है
बीती 10 सितंबर को एमनेस्टी इंटरनेशनल के सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था, जिसके बाद संस्था ने अपना काम बंद करने की घोषणा की। केंद्र सरकार का कहना है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम और विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया क्लिक »-newsindialive.in