विदेश सचिव और सेना प्रमुख की यात्रा में म्यांमार से बनी कई मुद्दों पर सहमति
विदेश सचिव और सेना प्रमुख की यात्रा में म्यांमार से बनी कई मुद्दों पर सहमति

विदेश सचिव और सेना प्रमुख की यात्रा में म्यांमार से बनी कई मुद्दों पर सहमति

- सीमा हाट पुल के निर्माण के लिए 20 लाख अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा - म्यांमार लोकमान्य तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा लगाएगा नई दिल्ली, 05 अक्टूबर (हि.स.)। सेना प्रमुख एमएम नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की दो दिवसीय म्यांमार यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा और सहमति बनी। दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने को लेकर चर्चा की और 2021 की पहली तिमाही में राखाइन राज्य में सिटवे पोर्ट के परिचालन की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए। म्यांमार लोकमान्य तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा लगाएगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने 4-5 अक्टूबर को म्यांमार का दौरा किया। इस यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान किया। हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय यात्रायें और संवाद जारी रहा है। इससे पहले वीडियो कांफ्रेंस से दोनों पक्षों ने 1 अक्टूबर को विदेश कार्यालय परामर्श के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों में व्यापक चर्चा की थी। दोनों पक्षों ने कनेक्टिविटी परियोजनाओं, क्षमता निर्माण, बिजली और ऊर्जा में अपनी साझेदारी को और मजबूत करने, आर्थिक और व्यापार संबंधों को गहन करने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने और सेना के तीनों अंगों में रक्षा आदान-प्रदान को व्यापक आधार देने पर सहमति व्यक्त की। विदेश सचिव ने राखाइन प्रांत में विस्थापितों के सुरक्षित, स्थायी और शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए भारत के समर्थन को व्यक्त किया। भारत ने चिन राज्य में ब्येनु अथवा सरिसचौक में सीमा हाट पुल के निर्माण के लिए 20 लाख अमेरिकी डॉलर देने की घोषणा की। यह मिजोरम और म्यांमार के बीच आर्थिक संपर्क बढ़ाएगा। साथ ही यह भी घोषणा की कि भारत म्यांमार से 31 मार्च 2021 तक 1.5 लाख टन उड़द (विग्ना मुंगो) आयात करेगा। दोनों पक्षों ने त्रिपक्षीय राजमार्ग और कालादान मल्टी-मोडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट जैसे भारतीय सहायता प्राप्त बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में प्रगति पर भी चर्चा की। वे 2021 की पहली तिमाही में राखाइन राज्य में सिटवे पोर्ट के परिचालन की दिशा में काम करने के लिए सहमत हुए। दोनों पक्षों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने को लेकर चर्चा की और इस प्रतिबद्धता को दोहराया कि अपनी जमीन का उपयोग दूसरे देश के खिलाफ चल रही गतिविधियों के लिए नहीं होने देंगे। इस दौरान भारतीय पक्ष ने भारत के विद्रोही समूहों के 22 कैडरों को उसे सौंपने के म्यांमार के निर्णय की सराहना की। दोनों पक्षों ने मांडले में लोकमान्य तिलक की उनकी 100 वीं पुण्यतिथि पर प्रतिमा लगाने करने की योजना पर चर्चा की। मंडलीय जेल में कारावास के दौरान ही लोकमान्य तिलक ने भगवद्गीता की प्रतिपादक गीता रहस्य लिखी थी। यात्रा के दौरान संस्कृति में सहयोग के अन्य क्षेत्रों में भारतीय महाकाव्यों का बर्मी भाषा में अनुवाद शामिल रहा। म्यांमार पक्ष ने 2016 में आए भूकंप में क्षतिग्रस्त हुए बागान पैगोडा की मरम्मत और संरक्षण सहित सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भारतीय सहायता की सराहना की। सेना अध्यक्ष और विदेश सचिव ने इस दौरान स्टेट काउंसलर आंग सांग सू की को रेमेडिसविर दवा की 3 हजार शीशियों सौंपी। यह महामारी के खिलाफ लड़ाई में म्यांमार की सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस दौरान विदेश सचिव ने कोरोना का वैक्सीन को प्राथमिकता के आधार पर म्यांमार को मुहैया कराने की भारत की इच्छा को भी व्यक्त किया। म्यांमार ने 31 दिसंबर 2020 तक की अवधि के लिए जी -20 ऋण सेवा निलंबन पहल के तहत ऋण सेवा राहत प्रदान करने के भारत के फैसले की सराहना की। इसके अलावा माईटकईना में सॉफ्टवेयर विकास और प्रशिक्षण में उत्कृष्टता केंद्र का वर्जुअल उद्घाटन किया गया। विदेश सचिव ने म्यांमार के विदेश मंत्रालय के स्थायी सचिव यू सो हान के साथ नाय पेई ताव में दूतावास संपर्क कार्यालय का भी उद्घाटन किया। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/सुनीत-hindusthansamachar.in

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