वकील प्राचा के दफ्तर पर पुलिस छापेमारी की वीडियो फुटेज संरक्षित रखने का आदेश
वकील प्राचा के दफ्तर पर पुलिस छापेमारी की वीडियो फुटेज संरक्षित रखने का आदेश

वकील प्राचा के दफ्तर पर पुलिस छापेमारी की वीडियो फुटेज संरक्षित रखने का आदेश

नई दिल्ली, 27 दिसम्बर (हि.स) । दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के कई केसों में पैरवी करने वाले वकील महमूद प्राचा के दफ्तर पर पुलिस की ओर से छापा मारे जाने के वीडियो फुटेज संरक्षित रखने का आदेश दिया है। ड्यूटी मजिस्ट्रेट उद्भव कुमार जैन ने कहा कि महमूद प्राचा को छापे के वीडियो फुटेज देने की मांग पर चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट निर्णय करेगी, जिस कोर्ट ने छापे मारने का आदेश दिया है। मामले पर अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी। आज ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष सुनवाई के दौरान इस मामले के जांच अधिकारी राकेश कुमार कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि छापे की कार्रवाई से संबंधित चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के कोर्ट के आदेश की अनुपालन रिपोर्ट 26 दिसम्बर को दाखिल कर दी गई है। अनुपालन रिपोर्ट की प्रति महमूद प्राचा को भी सौंपी गई। जांच अधिकारी ने कहा कि छापे के दौरान मिली चीजों और उसकी वीडियो फुटेज स्पेशल सेल के मालखाने में रख दिया गया है और उसकी मालखाने की रजिस्ट्री में एंट्री कर दी गई है। उसके बाद कोर्ट ने छापे के वीडियो फुटेज संरक्षित करने का आदेश दिया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने कहा कि वीडियो फुटेज महमूद प्राचा को सौंपने के मामले पर संबंधित कोर्ट ही फैसला करेगी। पिछले 25 दिसम्बर को महमूद प्राचा की याचिका पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। प्राचा ने सुनवाई के दौरान कहा था कि दिल्ली पुलिस की ओर 24 दिसम्बर की दोपहर करीब बारह बजे से लेकर दरम्यानी रात के तीन बजे तक पुलिस ने छापा मारा था। छापे के बाद पुलिस को छापे के दौरान मिली चीजों के बारे में संबंधित कोर्ट को सूचना देनी चाहिए थी लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया है। महमूद प्राचा ने कहा था कि छापे की पुलिस ने वीडियो रिकार्डिंग की है, लेकिन जब वो वीडियो फुटेज मांगा गया तो पुलिस ने देने से इनकार कर दिया। उन्हें वीडियो फुटेज लेने का कानूनी अधिकार है। उन्होंने कहा था कि छापे के दौरान राजीव नामक व्यक्ति और जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ झूठे केस करने की धमकी दी। प्राचा ने पूरे मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की। प्राचा ने कहा था कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश की आड़ में जांच के नाम पर कानून का खुला उल्लंघन किया है। ज्ञातव्य है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले 24 दिसम्बर को प्राचा के दफ्तर पर दोपहर में छापा मारा था। छापे की ये कार्रवाई देर रात तक चलती रही। उसके बाद प्राचा ने पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्राचा उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के कई आरोपितों की कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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