लोन मोरेटोरियम मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक दिन के लिए सुनवाई टली
लोन मोरेटोरियम मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक दिन के लिए सुनवाई टली

लोन मोरेटोरियम मामले पर सुप्रीम कोर्ट में एक दिन के लिए सुनवाई टली

नई दिल्ली, 18 नवम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम मामले पर सुनवाई कल यानी 19 नवम्बर तक के लिए टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट कल अलग-अलग औद्योगिक क्षेत्रों को राहत पर विचार कर सकता है। सुनवाई के दौरान रिजर्व बैंक ने बताया कि उसने सभी बैंकों को 2 करोड़ तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज न लेने का निर्देश दिया है। वसूला गया अतिरिक ब्याज भी लौटाया जा रहा है। पिछली 5 नवम्बर को इस मामले में याचिका दायर करने वाले वकील ने केंद्र और रिजर्व बैंक के जवाब पर संतोष जताते हुए सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर सुनवाई बंद करने का आग्रह किया था। पिछली 3 नवम्बर को भी इस मामले पर सुनवाई टल गई थी। सुनवाई के दौरान रिजर्व बैंक ने बताया था कि उसने सभी बैंकों को 2 करोड़ तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज न लेने को कहा था। वसूला गया अतिरिक ब्याज लौटाने के लिए भी कहा था। पिछली 25 अक्टूबर को सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि कोरोना महामारी में विभिन्न क्षेत्रों को ज्यादा राहत देना संभव नहीं है। सरकार ने कहा था कि कोर्ट को राजकोषीय नीति में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सरकार ने कहा था कि दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए चक्रवृद्धि ब्याज माफ करने के अलावा कोई और राहत राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र के लिए हानिकारक है। पिछली 3 सितम्बर को कोर्ट ने लोन के ईएमआई का भुगतान न होने के आधार पर किसी भी खाते को एनपीए घोषित नहीं करने का अंतरिम आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा था कि जब मोरेटोरियम योजना लाई गई तो मकसद यह था कि व्यापारी उपलब्ध पूंजी का ज़रूरी इस्तेमाल कर सकें। उन पर बैंक की किश्त का बोझ न हो। मकसद यह नहीं था कि ब्याज माफ कर दिया जाएगा। कोरोना के हालात का हर सेक्टर पर अलग-अलग असर पड़ा है। फार्मा, आईटी जैसे सेक्टर ने अच्छा प्रदर्शन भी किया है। तब कोर्ट ने पूछा था कि हमारे सामने सवाल यह रखा गया है कि आपदा राहत कानून के तहत क्या सरकार कुछ करेगी। हर सेक्टर को स्थिति के मुताबिक राहत दी जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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