राजस्‍थान विधानसभा सत्र शुक्रवार से, हंगामा तय
राजस्‍थान विधानसभा सत्र शुक्रवार से, हंगामा तय

राजस्‍थान विधानसभा सत्र शुक्रवार से, हंगामा तय

जयपुर, 13 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश में एक माह से अधिक समय तक चल रही राजनीतिक खींचतान के बाद शुक्रवार से शुरू हो रहे 15वीं विधानसभा के पांचवें सत्र का हंगामेदार रहना तय है। प्रतिपक्ष भारतीय जनता पार्टी ने फोन टैपिंग, विधायकों की बाड़ेबंदी, टिड्डी हमले और प्रदेश की कानून व्यवस्था व आर्थिक हालात को लेकर सरकार को घेरने का रणनीति बनाई है। वहीं कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी पर खर्च, सरकारी मशीनरी और सुविधाओं का दुरुपयोग को लेकर अलग से सरकार पर हमले किए जाएंगे। इधर कांग्रेस, माकपा, निर्दलीय विधायक भी बिजली, पानी, शिक्षा और विकास योजनाओं को लेकर अपनी सरकार से सवाल-जवाब करेंगे। इस सत्र को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने पूरी तरह से कमर कस रखी है। कांग्रेस और भाजपा ने सत्र की तैयारियों को लेकर गुरुवार को विधायक दल की बैठकें कर अपनी-अपनी रणनीति बनाई। सियासी संकट टलने के बाद अब सरकार संभवत: शुक्रवार को सत्र के पहले ही दिन विश्वास मत हासिल कर सकती है। पार्टी रणनीतिकार इसके लिए रणनीति बनाने में जुट गए हैं। विधानसभा सत्र को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लॉकडाउन के बाद में प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर खुलकर चर्चा होने की उम्मीद जताई है। सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा है कि 14 अगस्त को विधानसभा शुरू हो रही है, मुझे उम्मीद है कि इस दौरान प्रदेश में कोरोना की स्थिति और लॉकडाउन के बाद में आर्थिक रूप से जो स्थिति बनी है उसे लेकर खुलकर चर्चा कर सकेंगे। मुझे विश्वास है कि सुशासन देने में पक्ष-विपक्ष सभी का सहयोग मिलेगा और प्रदेश की जनता के अंदर नया कॉन्फिडेंस पैदा होगा। इधर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है कि राजस्थान कोरोना से कराह रहा है। किसान टिड्डी और संभावित सूखे से परेशान है। कानून व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। विकास का पहिया रुका हुआ है। इन सभी मुद्दों पर विधानसभा में सार्थक बहस करने का हम प्रयास करेंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में चले सियासी संकट के दौरान विधानसभा सत्र को बुलाने के मुद्दे को लेकर राजभवन और राज्य सरकार के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी। सत्र बुलाने को लेकर केबिनेट ने तीन बार प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र के पास भेजा लेकिन राजभवन ने कोरोना काल और अन्य नियमों का हवाला देते हुए विधानसभा सत्र बुलाने की सरकार की फाइल तीनों बार वापस लौटाते हुए सरकार से कुछ सवालों के जवाब मांगे थे। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने राजभवन में धरना-प्रदर्शन भी किया था। सरकार द्वारा चौथी बार सवालों के जवाब के साथ प्रस्ताव भेजने पर राज्यपाल ने कुछ शर्तों के साथ सत्र बुलाने की मंजूरी दी थी। हिन्दुस्थान समाचार/संदीप/ ईश्वर/बच्चन-hindusthansamachar.in

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