राजपूताना रेजीमेंट के जवान ने किया कमाल, शंख बजाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
राजपूताना रेजीमेंट के जवान ने किया कमाल, शंख बजाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

राजपूताना रेजीमेंट के जवान ने किया कमाल, शंख बजाकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

बेगूसराय, 27 दिसम्बर (हि.स.)। सर्वत्र विजय के मूल मंत्र पर चलने वाला भारतीय सेना का राजपूताना रेजीमेंट ना केवल दुश्मनों के दांत खट्टे करता रहा है। बल्कि समय-समय पर विश्व रिकॉर्ड भी कायम करता है। एक बार फिर राजपूताना रेजीमेंट के बेगूसराय निवासी जवान शंभू कुमार ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। शंभू कुमार का नाम लिम्का बुक में शंख बजाने का रिकॉर्ड कायम करने के लिए दर्ज किया गया है। एक जुलाई 2020 को नई दिल्ली आई टीम ने विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए शंभू को एक सांस और एक आवाज में 70 सेकेंड तक शंख बजाने को कहा था। इन्होंने टीम के सामने लगातार 80 सेकेंड तक एक आवाज में शंख बजाकर गिनीज बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा लिया था। इसके बाद शनिवार को रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने गिनीज रिकॉर्ड का सार्टिफिकेट देकर शंभू को सम्मानित किया। लिम्का वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट मिलने की जानकारी मिलने पर बछवाड़ा ही नहीं पूरे बेगूसराय में खुशी की लहर फैल गई है। बेगूसराय जिले के बछवाड़ा में किसान रामचन्द्र चौधरी के घर 1986 में पैदा हुए शंभू की पढ़ाई-लिखाई गांव में ही हुई। लगातार प्रयास और मेहनत के बल पर शंभू 2005 में आर्मी भर्ती परीक्षा में सफल हुए और 16 राजपूत रेजिमेंट में उनका पदस्थापन हुआ। शंभू के अनुसार उन्होंने अपनी बहन की शादी में पूजा के दौरान शंख बजाना चाहा था, लेकिन नहीं बजा पाने के कारण कुछ अलग करने का निर्णय ले लिया। इसके बाद बनारस के शीतल दास के बड़ा अखाड़ा में लगातार तेरह वर्षों तक अभ्यास किया और अंतत: शंख बजाने के क्षेत्र में ऐसा कीर्तिमान स्थापित किया। शम्भू ने बताय कि आर्मी में ज्वाइन करने के बाद भी शंख बजाना बंद नहीं किया और लगातार अभ्यास के बाद अपने आप में एक तकनीक विकसित किया। शंख बजाते समय शंभू सांस लेते हैं, लेकिन इस दौरान भी शंख की आवाज कम या बंद नहीं होती है। जिसके कारण 2017 में सबसे पहला आवार्ड इंडिया स्टार बुक आफ रिकॉर्ड लगातार 53 मिनट शंख बजाने के लिए मिला। फिर 2017 में ही लगातार तैंतीस मिनट शंख बजाने के लिए दूसरा रिकॉर्ड मिला। 2017 में ही तीसरा रिकॉर्ड भारत वर्ल्ड रिकॉर्ड भी लगातार 53 मिनट शंख बजा कर हासिल किया। इसके बाद वह लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए लगातार प्रयास करते रहे। लगातार दो घंटों से भी ज्यादा शंख बजाने को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई रिकॉर्ड दर्ज कराया है। उनका यह अभियान अभी बंद नहीं होने वाला है। दुश्मनों के दांत खट्टे करने के साथ-साथ हुए नया रिकॉर्ड कायम करने के लिए और प्रयत्नशील रहेंगे। शंभू के अनुसार मिल रहा सम्मान उन्हें और नया करने की प्रेरणा देता है। हिन्दुस्थान समाचार/सुरेन्द्र-hindusthansamachar.in

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