मोदीजी के ‘कैशलेस’ भारत का अर्थ है ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत : राहुल
मोदीजी के ‘कैशलेस’ भारत का अर्थ है ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत : राहुल

मोदीजी के ‘कैशलेस’ भारत का अर्थ है ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत : राहुल

- नोटबंदी से बड़े कारोबारियों को हुआ फायदा, गरीब-मजदूर बेहाल नई दिल्ली, 03 सितम्बर (हि.स.)। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर हमला बोला है। ‘अर्थव्यवस्था की बात’ शीर्षक वाले अपने वीडियो सीरीज के दूसरे हिस्से में राहुल ने कहा कि मोदी सरकार के नोटबंदी जैसे फैसलों ने गरीबों एवं मध्यम वर्गीय परिवार की कमर तोड़ दी है। यह फैसला लोगों के हित में होने के बजाय उनके खिलाफ साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदीजी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है। सरकारी घोषणाओं से उलट नोटबंदी से सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था, आम जनता, असंगठित क्षेत्र को नुकसान ही हुआ है। अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर गुरुवार को जारी दूसरे वीडियो में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब-किसान और मजदूर पर आक्रमण था। आठ नवम्बर 2016 की रात आठ बजे पीएम मोदी ने 500-1000 के नोट बंद कर दिए, जिसके बाद पूरा देश बैंक के सामने खड़ा हो गया। उन्होंने पूछा कि क्या इससे काला धन मिट गया या इससे लोगों को कोई फायदा हुआ? दोनों की सवाल का जवाब ना है। क्योंकि सरकार के इस फैसले से सिर्फ अमीरों को फायदा हुआ। आम जनता की जमा-पूंजी को निकाल सरकार ने बड़े कारोबारियों का कर्ज माफ किया, जबकि जरूरतमंद छोटे व्यापारी और गरीब मजदूर-किसान अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए दर-बदर भटकते रहे। सरकार ने उनकी सुध नहीं ली। नोटबंदी के पीछे की मंशा को उजागर करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सरकार नोटबंदी के जरिए कैशलेस इंडिया का सपना देख रही थी, जबकि हकीकत यह है कि देश का असंगठित क्षेत्र कैश पर काम करता है। अब जब मार्केट से कैश ना के बराबर है तो यह क्षेत्र पूरी तरह बिखर गया है। इसी कारण किसान, मजदूर और छोटे कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ। मोदीजी का ‘कैश-मुक्त’ भारत दरअसल ‘मज़दूर-किसान-छोटा व्यापारी’ मुक्त भारत है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के इस हमले को पहचानना होगा और इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा। इससे पहले, राहुल गांधी ने 31 अगस्त को इस सीरीज का पहला हिस्सा जारी किया था, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार पर जान-बूझकर असंगठित क्षेत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि देश के आर्थिक हालात 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में हैं। असंगठित अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर लोगों को गुलाम बनाने की साजिश रची जा रही है। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश/बच्चन-hindusthansamachar.in

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