मूल्य आधारित लेखन से ही बचेगी पत्रकारिता और बचेगा देश : प्रो.संजय द्विवेदी
मूल्य आधारित लेखन से ही बचेगी पत्रकारिता और बचेगा देश : प्रो.संजय द्विवेदी

मूल्य आधारित लेखन से ही बचेगी पत्रकारिता और बचेगा देश : प्रो.संजय द्विवेदी

-खबरों में मिलावट होने पर उसके खिलाफ खड़े हों : प्रो. द्विवेदी -बुरा टाइप, लाइक और शेयर न करें : प्रो. द्विवेदी -श्रम एवं समर्पण से शीर्ष पर पहुंचे अटल बिहारी वाजपेयी : प्रो. सिंह प्रयागराज, 27 दिसम्बर (हि.स.)। पत्रकारिता में नैतिकता के लिए आज डिजिटल सत्याग्रह की आवश्यकता है। डिजिटल सत्याग्रह के माध्यम से जनता को जागृत किया जाए कि वह सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हुए बुरा मत टाइप करें, बुरा मत लाइक करें और बुरा मत शेयर करें। मीडिया प्रोडक्ट है तो हम भी उपभोक्ता और पाठक हैं। खबरों में मिलावट है तो उसके खिलाफ खड़े होना चाहिए। सही खबरों की पड़ताल के साथ-साथ फेक खबरों को पहचानने की भी कोशिश होनी चाहिए। यह विचार भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज में साप्ताहिक अटल जन्मोत्सव के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान में व्यक्त किया। उन्होंने पत्रकारिता में नैतिकता, मुद्दे और चुनौतियां विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि मीडिया की नैतिकता तब सुधरेगी जब सम्पूर्ण समाज एवं परिवार में नैतिकता की भाव भावना जागृत होगी। उन्होंने कहा कि आज न्यूज चैनल व्यूज चैनल में बदल गए हैं। मूल्याधारित पत्रकारिता से ही बचेगी पत्रकारिता और बचेगा देश: प्रो. संजय द्विवेदी प्रो.द्विवेदी ने कहा कि आज हमें मूल्य आधारित पत्रकारिता की तरफ बढ़ना पड़ेगा नहीं तो न पत्रकारिता बचेगी न ही देश बचेगा। तथ्यों को तोड़े मरोड़े बिना खबर प्रस्तुत करनी पड़ेगी। कहा कि आज समाचार के भीतर विचार एवं विज्ञापन समाहित किए जा रहे हैं। समाचार में अपेक्षित तटस्थता का भाव रखना चाहिए। आज जर्नलिस्ट की कुर्सी पर एक्टिविस्ट आकर बैठ गए हैं। तथ्यों का सही रूप में निरूपण करना पत्रकार का ध्येय है, जबकि एक्टिविस्ट अपने अनुसार पत्रकारिता की दिशा तय करते हैं जो ठीक नहीं है। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.कामेश्वर नाथ सिंह ने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व बहुआयामी था। पत्रकार के रूप में उनकी ख्याति थी। विलक्षण लोग जीवन के हर क्षेत्र में मानक स्थापित करते हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में अटल जी ने भी एक मानक स्थापित किया। आज जिस तरह से पत्रकारिता बाजारवाद की भेंट चढ़ चुकी है, इससे हम सबको बचने की जरूरत है। पत्रकारिता के क्षेत्र में जाने वाले युवाओं को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। पत्रकारिता के क्षेत्र में जो लोग कैरियर देख रहे हैं उन्हें किसी भी खबर को सनसनीखेज बनाने से रोकना होगा। इसके साथ ही चौंकाने वाले समाचारों से बचना होगा। कार्यक्रम का संचालन परविन्द कुमार वर्मा तथा वाचिक स्वागत एवं विषय प्रवर्तन अटल बिहारी वाजपेई सुशासन पीठ के निदेशक प्रो. पी.के पांडेय ने किया। अतिथियों का परिचय स्वागत डॉ. नीता मिश्रा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डॉ. अरुण कुमार गुप्ता ने किया। इस अवसर पर प्रो. पी.पी दुबे, प्रो. सत्यपाल तिवारी, प्रो. रुचि बाजपेई तथा डॉ. प्रभात चंद्र मिश्र आदि उपस्थित रहे। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश-hindusthansamachar.in

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