मंत्रिमंडल ने शहरी प्रवासियों के लिए कम किराये वाले आवासीय परिसरों के विकास को दी मंजूरी
मंत्रिमंडल ने शहरी प्रवासियों के लिए कम किराये वाले आवासीय परिसरों के विकास को दी मंजूरी

मंत्रिमंडल ने शहरी प्रवासियों के लिए कम किराये वाले आवासीय परिसरों के विकास को दी मंजूरी

नई दिल्ली, 08 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी (पीएमएवाई-यू) के अंतर्गत एक उप-योजना के रूप में शहरी प्रवासियों/गरीबों के लिए कम किराये वाले आवासीय परिसरों के विकास के लिए स्वीकृति दे दी है। इसके तहत वर्तमान में खाली पड़े सरकार द्वारा वित्तपोषित आवासीय परिसरों को 25 साल के लिए रियायत (कन्सेशन) समझौते के माध्यम से एआरएचसी में परिवर्तित कर दिया जाएगा। कन्सेशनेर को कमरों की मरम्मत और पानी, निकासी, स्वच्छता, सड़क आदि आधारभूत ढांचे से जुड़ी कमियों को दूर करके परिसरों को रहने लायक बनाया जाएगा। राज्यों को पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से कन्सेशनेर (कंपनी) का चयन करना होगा। इन परिसरों को पहले की तरह नया चक्र शुरू करने या खुद ही चलाने के लिए 25 साल के बाद यूएलबी को लौटाना होगा। 25 साल के लिए उपलब्ध अपनी खाली जमीन पर एआरएचसी के विकास के लिए निजी/सार्वजनिक इकाइयों को स्वीकृति का उपयोग, 50 प्रतिशत अतिरिक्त एफएआर/ एफएसआई, प्राथमिक क्षेत्र उधारी दर पर रियायती कर्ज, किफायती आवास से जुड़ी कर राहत आदि विशेष प्रोत्साहनों की पेशकश की जाएगी। एआरएचसी के अंतर्गत विनिर्माण उद्योगों, आतिथ्य सेवा, स्वास्थ्य क्षेत्र में सेवा प्रदाताओं, घरेलू/व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और निर्माण या अन्य क्षेत्रों में लगे अधिकांश कार्यबल, कामगार, विद्यार्थी आदि लक्षित लाभार्थी होंगे, जो ग्रामीण क्षेत्रों या छोटे शहरों से आते हैं और बेहतर अवसरों की तलाश में हैं। तकनीक नवाचार अनुदान के रूप में इस पर 600 करोड़ रुपये की धनराशि का व्यय होने का अनुमान है, जो निर्माण के लिए चिन्हित नवाचार तकनीक का उपयोग करने वाली परियोजनाओं के लिए जारी की जाएगी। एआरएचसी के अंतर्गत शुरुआती तौर पर लगभग तीन लाख लाभार्थियों को कवर किया जाएगा। एआरएचसी से शहरी क्षेत्रों में कार्यस्थल के नजदीक सस्ते किराये वाले आवासों की उपलब्धता के अनुकूल एक नया इकोसिस्टम तैयार होगा। एआरएचसी के अंतर्गत निवेश से रोजगार के नए अवसर पैदा होने का अनुमान है। एआरएचसी से अनावश्यक यात्रा, भीड़भाड़ और प्रदूषण में कमी आएगी। सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली पड़े आवासों को किफायती उत्पादक उपयोग के लिए एआरएचसी में कवर किया जाएगा। इस योजना से अपनी खाली पड़ी जमीन पर एआरएचसी के विकास करने की दिशाओं में इकाइयों के लिए अनुकूल माहौल तैयार होगा और किराये वाले आवासीय क्षेत्र में उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलेगा। हिन्दुस्थान समाचार/ रवीन्द्र मिश्र/बच्चन-hindusthansamachar.in

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