भाजपा में शामिल होते ही शुभेंदु को मिलने लगी अहमियत
भाजपा में शामिल होते ही शुभेंदु को मिलने लगी अहमियत

भाजपा में शामिल होते ही शुभेंदु को मिलने लगी अहमियत

कोलकाता, 19 दिसम्बर (हि.स.)। राज्य के कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होते ही उन्हें अहमियत मिलने लगी। इसके संकेत शनिवार को तब मिले, जब उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली और मेदिनीपुर में जनसभा खत्म करने के बाद अमित शाह वापस कोलकाता लौटने लगे तो उन्हें अपनी गाड़ी में बैठाकर हेलीपैड तक ले गए और वहां से दोनों नेता हेलीकॉप्टर में भी एकसाथ ही कोलकाता लौटे। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि अमित शाह के दौरे के दौरान प्रदेश भाजपा का कोई नेता उनके साथ हेलीकॉप्टर में बैठकर गया हो। शुभेंदु को इतनी अहमियत मिलते ही स्पष्ट हो गया कि वह बंगाल भाजपा का प्रमुख चेहरा बनने जा रहे हैं। वैसे भी अमित शाह ने अपने संबोधन में स्पष्ट कर दिया है कि बंगाल में भाजपा की सरकार बनने पर कोई बंगाली ही मुख्यमंत्री होगा। अब चर्चा चलने लगी है कि शुभेंदु को ही मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया जा सकता है। सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल लगातार तंज कस रही है कि मुकुल रॉय के भाजपा में शामिल होते ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा किनारे लगा दिए गए और अब अधिकारी के शामिल होते ही दिलीप घोष की अहमियत खत्म हो जाएगी। हालांकि इस बारे में भाजपा के शीर्ष नेता कुछ भी कहने से हिचक रहे हैं। हेलीकॉप्टर में बैठकर जब शुभेंदु अधिकारी दमदम एयरपोर्ट पर पहुंचे तब वहां से होटल तक वह कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी में आए हैं। यहां पहुंचकर अमित शाह ने भाजपा के प्रदेश नेतृत्व के साथ सांगठनिक बैठक शुरू की है। इसमें शुभेंदु भी मौजूद रहे। रविवार को बीरभूम के बोलपुर में अमित शाह का रोड शो है। इसमें भी शुभेंदु अधिकारी शामिल हो सकते हैं। लगातार अमित शाह के साथ रहे हैं शुभेंदु: मेदिनीपुर की जनसभा मंच पर शाह ने हाथ पकड़कर शुभेंदु अधिकारी को ऊपर उठाया। उसके बाद अपने पास बैठाया। भाजपा का झंडा थमाने के बाद भी उन्हें अपने पास ही रखे थे। यहां तक कि शाह के संबोधन से पहले शुभेंदु ने मंच से संबोधित किया था। उस समय मैदान में लोगों की भारी भीड़ थी और जैसे ही शुभेंदु का संबोधन खत्म हुआ, शाह ने बोलना शुरू किया और मैदान से कुछ लोग वापस लौटने लगे थे। इससे स्पष्ट हो गया था कि यहां लोगों की भारी भीड़ अपने "दादा" (शुभेंदु) को सुनने के लिए एकत्रित हुए थे। शाह भी इस हालात को भाप गए, इसलिए वह समझ चुके हैं कि बंगाल में अगर भाजपा को सत्ता हासिल करनी है तो शुभेंदु को अहमियत देनी होगी। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/बच्चन-hindusthansamachar.in

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