प्रदेश भाजपा की नवगठित कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित
प्रदेश भाजपा की नवगठित कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित

प्रदेश भाजपा की नवगठित कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित

-भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने लिया हिस्सा -कांग्रेस व एआईयूडीएफ की मित्रता से ऊपरी असम में कांग्रेस की सीटें होंगी कम : रंजीत दास गुवाहाटी, 04 सितम्बर (हि.स.)। असम में 2021 के चुनाव के लिए महज छह महीने शेष हैं। इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी रणनीतियों को अंजाम देने में जुट गई हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में पुनः सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा नीत गठबंधन अभी से अपना जोर लगाने में जुट गई है। प्रदेश भाजपा की नवगठित कार्यकारिणी समिति की शुक्रवार को राजधानी के पांजाबारी स्थित श्रीमंत शंकरदेव कालाक्षेत्र में पहली बैठक आयोजित की गई। बैठक में भाजपा ने अगले 100 दिनों के कार्य योजना को नेताओं व कार्यकर्ताओं के सामने पेश किया। कार्य योजना के तहत राज्य की जनता के बीच भाजपा सरकार के विकास से संबंधित कार्यों को पहुंचाने पर जोर दिया गया है। इसके अलावा अन्य कई राजनीतिक प्रस्ताव और आत्मनिर्भर भारत, आत्मनिर्भर असम, बाढ़ की समस्या के साथ ही विभिन्न प्रस्ताव को पारित किए जाने की प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रूपम गोस्वामी ने जानकारी दी। भाजपा ने शुक्रवार से राज्य में अपने चुनावी कार्यक्रमों का एक तरह से शंखनाद किया। बैठक में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी की जीत को सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे काम करने का संकल्प लिया है। कार्यकारिणी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास, मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि मामलों के मंत्री व नेडा के संयोजक डॉ हिमंत विश्वशर्मा ने भाजपा नीत गठबंधन सरकार की उपलब्धियों और भाजपा की नीतियों पर प्रकाश डाला। भाजपा अध्यक्ष रंजीत दास ने अपने संबोधन में कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी पार्टी कांग्रेस और एआईयूडीएफ की मित्रता असम की जनता के लिए एक अशुभ संकेत है। इसके पहले कांग्रेस और एआईयूडीएफ के बीच गुप्त समझौता हुआ था। पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियों ने गुप्त समझौता किया था। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के गठबंधन से कांग्रेस के कब्जे वाली तीताबर, नाजिरा, दुमदुमा, शिवसागर आदि सीटें कांग्रेस हार जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता कांग्रेस और एआईयूडीएफ की मित्रता को एक अपवित्र मित्रता के रूप में देखती है। राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचारी और एआईयूडीएफ बांग्लादेशी मुसलमानों की पार्टी है। उन्होंने कहा कि एआईयूडीएफ का जन्म बांग्लादेश से आने वाले लोगों के संरक्षण के लिए ही हुआ था। ऐसे में इन दोनों दलों की मित्रता को असम की जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी। जाति, माटी और भेटी के स्वार्थ के लिए हमने जो काम किया है। जैसे, पहली बार स्थानीय लोगों को सरकार ने जमीन का पट्टा दिया है, भेटी को सुरक्षित करने के लिए राज्य के सत्र, मठ, मंदिर की जमीनों से अवैध कब्जे को हटाया गया है। सरकार के इस कदम की जनता ने मुक्त कंठ से सराहना की है। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल ने नवगठित कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा के विरुद्ध जितने भी आरोप लगा रही है, उसका कोई आधार नहीं है। केवल सस्ती लोकप्रियता के उद्देश्य से मनगढ़ंत राजनीतिक आरोप लगाकर राज्य सरकार को बदनाम के लिए करने के लिए षड्यंत्र रच रही है। ऐसे आरोपों के विरुद्ध भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को तर्कों के जरिए खड़े होकर जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे हाथों में तर्क के जरिए उनके झूठ को उजागर करने का हथियार मौजूद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जो काम किया है वह भक्ति, श्रद्धा के साथ किया है। हमारी सरकार ने जनता के दिलों को आनंद देने में सफल रही है। हम जनता के सामने कभी झूठी बातें नहीं करते हैं। सभी बातों को हम जनता के सामने खुले तौर पर रखने वाले लोग हैं। उन्होंने कहा कि इस बार की लड़ाई में ‘वी आर द बेस्ट’ होना होगा। डॉ हिमंत विश्वशर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के आंदोलन के समय भाजपा के सदस्यों को कठोर राजनैतिक आरोपों का सामना करना पड़ा था। वहीं बाढ़ और कोरोना के समय में भी हमें बेहद कठोर समस्याओं का सामना करना पड़ा है। हम सेवा के मनोभाव के जरिए असम की जनता के दिलों को जीतने में सक्षम हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साढ़े चार वर्ष के दौरान असम के जनजीवन में विकास की गंगा बहाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली सरकार है जिसके शासनकाल में सांप्रदायिक संघर्ष अपना सिर नहीं उठा पाया है। कि भाजपा सरकार के तौर पर हम गौरव अनुभव करते हैं। क्योंकि, इस सरकार के कार्यकाल में हमारे सहयोगी मंत्री और विधायकों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के एक भी आरोप सामने नहीं आए हैं। भाजपा नेता डॉ विश्वशर्मा ने कहा है कि पिछले 20-25 वर्षों में आलू का भ्रष्टाचार, असम लोक सेवा भ्रष्टाचार जैसे मामले समाचार पत्रों के प्रथम पृष्ठों की सुर्खियां बनती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाय बागानों के वोट के बल पर अपनी सरकार बनाती आ रही थी लेकिन कभी भी चाय बागानों के लोगों के हितों की और उनका ध्यान नहीं गया। आज चाय बागानों के संतानों को भी हाई स्कूल में पढ़ने का अधिकार है। यह असम की सेवा करने का सर्वोच्च उदाहरण है। उन्होंने कहा कि कोरोना की लड़ाई में राज्य की एक आशा कर्मी से लेकर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य तक निःस्वार्थ भाव से राज्य की जनता की सेवा में अपना योगदान दे रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद-hindusthansamachar.in

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