पुजारी को जिंदा जलाने का मामला : परिवार को 10 लाख की सहायता, एसएचओ और पटवारी निलंबित
जयपुर, 10 अक्टूबर (हि.स.)। प्रदेश के करौली जिले में सपोटरा के बूकना गांव के मंदिर पुजारी की हत्या के बाद उनके शव को लेकर शनिवार को धरने पर बैठे परिजनों और प्रशासन के बीच सहमति बनने के बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। समझौते के तहत सरकार मृतक के आश्रिम को 10 लाख रुपये और परिवार के एक सदस्य को संविदा के पर नौकरी देगी। वहीं आरोपियों के मददगार थाना अधिकारी और पटवारी को निलंबित कर दिया गया है। राज्यपाल कलराज मिश्र ने शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दूरभाष पर करौली में पुजारी को जिंदा जलाने, बाड़मेर में नाबालिग से बलात्कार सहित प्रदेश की कानून और व्यवस्था को लेकर चर्चा की। इस दौरान राज्यपाल मिश्र ने मुख्यमंत्री गहलोत से इन घटनाओं पर चिंता जताई। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को बताया कि इन सभी घटनाओं का राज्य सरकार ने संज्ञान ले लिया है। घटनाओं की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी घटनाओं पर पूरी जांच के साथ कार्रवाई की जाएगी। राज्यपाल को मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश की कानून और व्यवस्था पर उनकी पूरी नजर है। अधिकारियों को कार्रवाई के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। पीडि़त को न्याय दिलाने के लिए शनिवार को राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी मृतक के परिवार के साथ शव को लेकर धरने पर बैठ गए थे। मीणा ने मांग की थी कि अगर पीडि़त को 3 घंटे में न्याय नहीं मिला तो सीएम हाउस पर शव को रखकर धरना दिया जाएगा। डीएम सिद्धार्थ सिहाग और एसपी मृदृल कच्छावा के साथ पीडि़त परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता, संविदा पर पीडि़त परिवार को नौकरी, थानाधिकारी और पटवारी को हटाने की मांगों पर सहमति बनी है। इसके बाद धरना समाप्ति की घोषणा हुई। भाजपा के तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने भी पुजारी बाबूलाल वैष्णव के गांव पहुंचकर हृदय विदारक घटना की जानकारी ली और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया। तीन सदस्यीय कमेटी में भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अलका सिंह गुर्जर, जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा और भाजयुमो के पूर्व प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र मीणा शामिल थे। उल्लेखनीय है कि सपोटरा के बूकना गांव स्थित राधा गोपाल मंदिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को गांव के कुछ दबंगों ने दिनदहाड़े पेट्रोल डालकर जला दिया था। पुजारी को गंभीर हालत में जयपुर के एसएमएस अस्पताल रैफर किया गया था, जहां शुक्रवार को उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई थी। मौत से पहले पीडि़त वैष्णव ने बताया था- कैलाश मीणा अपने साथी शंकर, नमो, किशन और रामलखन के साथ मंदिर के बाड़े पर कब्जा कर छप्पर लगा रहा था। हमने विरोध किया तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। शेष आरोपी फरार है। कैसे शुरू हुआ विवाद - बाबूलाल वैष्णव बूकना गांव के पुराने राधाकृष्ण मंदिर में पूजा करते थे। ग्रामीणों ने मंदिर के लिए खेती की जमीन दान दी थी, जो राजस्व रिकॉर्ड में मंदिर माफी में दर्ज है। करीब एक महीने पहले कुछ लोग जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करने लगे। पुजारी ने पंच-पटेलों से शिकायत की थी। इसके बाद गांव के लोगों ने पंचायत की और पुजारी का समर्थन किया। इसके बाद दबंग नही माने और जमीन पर कब्जा करने लगे। पुजारी के मना करने पेट्रोल डालकर आग लगा दी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राजस्थान में पिछले डेढ़ साल से सरकार की अकर्मण्यता और असंवेदनशीलता के कारण सरकार अस्थिर होने के कारण कानून व्यवस्था लगभग समाप्त हो चुकी है। राजस्थान की पुलिस देश में सर्वश्रेष्ठ पुलिस मानी जाती थी, जिसका ध्येय वाक्य था-अपराधियों में डर आमजन में विश्वास, लेकिन पिछले डेढ़ साल की घटनाएं जिस तरीके से सामने आ रही है उससे केवल आमजन में ही डर बढ़ रहा है। शेखावत के अनुसार ना ही महिलाएं, बच्चे, मंदिर के पुजारी यहां तक की प्रदेश के थाने भी सुरक्षित नहीं है। भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ. अलका गुर्जर ने कहा कि प्रदेश में निरन्तर बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति और बढ़ रहे अपराधों के बाद भी राज्य सरकार अपने आपसी द्वंद युद्ध में ही व्यस्त है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार गठन के पहले दिन से ही सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में ही व्यस्त हैं। भाजयुमो के पूर्व प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र मीणा ने कहा की निरन्तर बढ़ रहे अपराधों का ग्राफ यही बताता है कि प्रदेश सरकार अपराधियों से ही मिली हुई है और मन्दिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को जिंदा जलाने में जितने अपराधी दोषी हैं उतनी ही राज्य सरकार भी दोषी है। सरकार को दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/रामानुज-hindusthansamachar.in