पीएम का लेह दौरा बहादुर जवानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए एक सराहनीय कदम: डीएम पूर्विमथ
पीएम का लेह दौरा बहादुर जवानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए एक सराहनीय कदम: डीएम पूर्विमथ

पीएम का लेह दौरा बहादुर जवानों के मनोबल को बढ़ाने के लिए एक सराहनीय कदम: डीएम पूर्विमथ

- पीएम ने देश के सामने पेश किया एक शानदार उदाहरण बेंगलुरु, 03 जुलाई (हि.स.)। सेना में ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) में पूर्व मुख्य अभियंता डीएम पूर्विमथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लेह की अग्रिम चौकी का दौरा देश के बहादुर सैनिकों का मनोबल बढ़ाने वाला कदम हैं, जो कठिन इलाकों और विषम परिस्थितियों में देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। हिन्दुस्थान समचार से फोन पर बातचीत में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व मुख्य अभियंता और सेना में ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी रहे डीएम पूर्विमथ ने पीएम के लेह दौरे की सराहना करते हुए कहा कि आज देश के सामने उन्होंने एक शानदार उदाहरण पेश कर यह साबित कर दिया कि उनमें आगे बढ़कर नेतृत्व करने की क्षमता है। डीएम पूर्विमथ ने कहा कि चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों का दौरा करने वाले प्रधानमंत्री ने निश्चित रूप से हमारे जवानों को प्रेरित किया है। यह सैनिकों और राष्ट्र के लिए एक अच्छा संदेश है। उन्होंने कहा कि पीएम का वहां पर तैनात सैनिकों को सम्बोधन में यह कहना कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास और हथियारों का जुटान शांति के लिए है, सराहनीय है। उन्होंने कहा कि समुद्रतल से 11,300 फीट ऊपर एक संकटग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने वाले पीएम का देश और दुनिया के लिए एक स्पष्ट संदेश है। सेवानिवृत अधिकारी पूर्विमथ ने कहा कि पीएम का यह कहना कि मेरी दो ही माताएं हैं एक भारत माता और दूसरी वे मताएं जिन्होंने आप जैसे शूरवीरों को इस धरती की रक्षा के लिए जन्म दिया। ये टिप्पणियां हमारे बहादुर सैनिकों, उनके परिवारों और बच्चों के मनोबल को बढ़ाने का काम करेंगी। उन्होंने ने कहा कि पीएम का सीमावर्ती क्षेत्रों में ढांचागत विकास के लिए पैसों की तीन गुना वृद्धि का उल्लेख करना एक प्रशंसनीय कदम है। उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत्त डीएम पूर्विमथ जिन्हें बीआरओ के मुख्य अभियंता के रूप में सेवा करने का गौरव प्राप्त हुआ, उनकी कई उपलब्धियां हैं। प्रोजेक्ट हिमांक के प्रमुख के रूप में चुनौतीपूर्ण वातावरण और हाड़ कंपा देने वाली जलवायु परिस्थितियों में महत्वपूर्ण लिंक को जोड़ने वाली सड़कों और पुलों सहित कई अवसंरचनात्मक कार्यों को उन्होंने पूरा किया। प्रोजेक्ट हिमांक उत्तरी भारत के लद्दाख क्षेत्र में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की एक परियोजना है जो अगस्त 1985 में शुरू हुई थी । हिन्दुस्थान समाचार/गोविन्द/बच्चन-hindusthansamachar.in

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