पत्रकार अमीष देवगन पर दर्ज एफआईआर निरस्त करने के मामले पर फैसला सुरक्षित
पत्रकार अमीष देवगन पर दर्ज एफआईआर निरस्त करने के मामले पर फैसला सुरक्षित

पत्रकार अमीष देवगन पर दर्ज एफआईआर निरस्त करने के मामले पर फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली, 25 सितम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार अमीष देवगन की सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में दर्ज एफआईआर निरस्त करने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने अमीष देवगन को एक हफ्ते में लिखित दलीलें दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वो अगले एक हफ्ते के अंदर इन दलीलों का जवाब दाखिल करें। गिरफ्तारी पर लगी रोक को अगले आदेश तक बढ़ा दिया है। कोर्ट ने पिछले 26 जून को नोटिस जारी करते हुए देवगन की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने देवगन के वकील सिद्धार्थ लूथरा को निर्देश दिया था कि वो इस मामले में एफआईआर के सभी शिकायतकर्ताओं को पक्षकार बनाएं। लूथरा ने कोर्ट ने कहा था कि देवगन से अनजाने में गलती हो गई है जिसके लिए उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। उन्होंने कहा था कि अमीष देवगन के खिलाफ राजस्थान, महाराष्ट्र और तेलंगाना में कई एफआईआर दर्ज किए गए हैं। देवगन के परिवार वालों को भी धमकी दी जा रही है। महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर के दो शिकायतकर्ताओं की ओर से वकील रिजवान मर्चेंट ने कहा था कि देवगन ने अपने प्रोग्राम में कई बार लूटेरे चिश्ती शब्द का प्रयोग किया। अमीष देवगन ने अपने 15 जून के टीवी शो में लूटेरे चिश्ती के नाम से एक कार्यक्रम प्रसारित किया था। उस कार्यक्रम से मुस्लिम समुदाय के लोग काफी आक्रोशित हो गए। उस शो में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती को आक्रामक और लूटेरा कहा गया था। इस शो के खिलाफ मुंबई में रजा एकेडमी नामक संस्था ने देवगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। मुंबई के अलावा नांदेड़ पुलिस ने भी देवगन के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया हुआ है। वकील मृणाल भारती और विवेक जैन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि देवगन के खिलाफ दर्ज एफआईआर पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। याचिका में कहा गया है कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के बारे में गलती से लूटेरा कहा गया। इसमें देवगन का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। उस कार्यक्रम के बाद देवगन ने अपनी गलती के लिए माफी मांगते हुए ट्वीट भी किया था। याचिका में दोनों एफआईआर को दिल्ली में ट्रांसफर कर जांच करने की मांग की गई है। हिन्दुस्थान समाचार/ संजय-hindusthansamachar.in

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