निशंक ने योगेश दुबे की पुस्तक 'परिंदा' का किया विमोचन
निशंक ने योगेश दुबे की पुस्तक 'परिंदा' का किया विमोचन

निशंक ने योगेश दुबे की पुस्तक 'परिंदा' का किया विमोचन

- 18वीं शताब्दी में मॉरीशस गए साढ़े चार लाख गिरमिटिया मजदूरों की दास्तां बयां करती है पुस्तक सुशील बघेल नई दिल्ली, 24 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित डॉ. योगेश दुबे की पुस्तक परिंदा-गिरमिटिया मजदूरों की अदम्य साहस गाथा का विमोचन किया। प्रलेक प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक 18वीं शताब्दी में मध्य भारत से मॉरीशस गए साढ़े चार लाख से अधिक गिरमिटिया मजदूरों की मार्मिक दास्तां को बयां करती है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और अदम्य साहस से मॉरीशस की पथरीली मिट्टी को सोना बना दिया। इन भारत वंशियों ने मॉरीशस में कैसे अपने परिश्रम से पहले खुद को स्थापित किया और अब उनकी भावी पीढ़ी अपने आप को विकसित कर किस तरह वहां की सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास की गतिविधियों में अपना योगदान दे रही है। पुस्तक में भारत - मॉरीशस के इन्हीं अंतरावलंबन का विस्तृत खाका है। पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी, मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपन समेत कई हाई कमिश्नरों, साहित्यकारों, कुलपतियों ने इस पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। यह उपन्यास इंटरनेट पर भी उपलब्ध है। इस पुस्तक के लेखक डॉ. योगेश दुबे को दिव्यांग व्यक्तियों के प्रति उल्लेखनीय कार्य के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से राष्ट्रपति द्वारा सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया गया था। डॉ. योगेश दुबे को राष्ट्रीय युवा पुरस्कार भी मिला है। वे भारतीय विकास संस्थान के अध्यक्ष, भारत के विकलांग कल्याण ट्रस्ट के उपाध्यक्ष और हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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