निशंक ने कोरोना के दौरान छात्रों की सतत शिक्षा के लिए जारी किए 'शिक्षा संवर्धन दिशा-निर्देश'
निशंक ने कोरोना के दौरान छात्रों की सतत शिक्षा के लिए जारी किए 'शिक्षा संवर्धन दिशा-निर्देश'

निशंक ने कोरोना के दौरान छात्रों की सतत शिक्षा के लिए जारी किए 'शिक्षा संवर्धन दिशा-निर्देश'

नई दिल्ली, 19 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को कोविड-19 के दौरान छात्रों की सतत शिक्षा के लिए 'शिक्षा संवर्धन दिशा-निर्देशों' का शुभारंभ किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वर्चुअल माध्यम से कहा कि कोरोनो के प्रसार को रोकने के लिए देशभर में अभी स्कूल बंद हैं। ऐसे में राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने छात्रों के लिए महामारी की वर्तमान स्थिति और महामारी के बाद की स्थिति के लिए भी शिक्षा संवर्धन दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन दिशा-निर्देशों, मॉडलों का सुझाव तीन प्रकार की स्थितियों के लिए दिया गया है। पहला, जिसमें छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन उपलब्ध नहीं है। दूसरा, जिसमें छात्रों के पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं। तीसरा, जिसमें छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं। निशंक ने कहा, इन दिशा-निर्देशों में, स्कूल के साथ मिलकर काम करने वाले समुदाय पर बल दिया गया है जिससे कि शिक्षकों और स्वयंसेवकों द्वारा बच्चों को उनके घर पर कार्यपुस्तिकाओं, कार्यपत्रों आदि जैसी शिक्षण सामग्री प्रदान की जा सके। इसमें स्वयंसेवकों या शिक्षकों द्वारा स्थानीय छात्रों को पढ़ाने, सामुदायिक केंद्रों में टेलीविजन स्थापित करने और सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करने का भी सुझाव दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन दिशा-निर्देशों में समुदाय के सदस्यों और पंचायती राज के सदस्यों की सहायता से सामुदायिक केंद्रों में हेल्पलाइन सेवा स्थापित करने की भी बात कही गई है। इसमें माता-पिता के उन्मुखीकरण की भी सलाह दी गई है जिससे कि वे अपने बच्चों को सीखने में सहायता प्रदान कर सकें और उसमें शामिल हो सकें। उन्होंने कहा कि तीनों स्थितियों के लिए, वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर का उपयोग करने और इसे लागू करने का सुझाव दिया गया है। इन दिशा-निर्देशों में दिए गए सुझाव, डिजिटल संसाधनों तक पहुंच पर एनसीईआरटी द्वारा केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में किए गए सर्वे और शिक्षा मंत्रालय द्वारा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के लिए तैयार सतत शिक्षण योजना पर आधारित हैं। निशंक ने बताया कि इन दिशा-निर्देशों के द्वारा उन बच्चों को सहायता मिलेगी, जिनके पास शिक्षकों या स्वयंसेवकों के द्वारा घर पर सीखने का अवसर प्राप्त करने के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा, यह उन सभी छात्रों को सीखने के दौरान प्राप्त हो रही कमियों को दूर करने के हमारे प्रयासों में भी सहायात प्रदान करेगा जो विभिन्न वैकल्पिक माध्यमों यानी, रेडियो, टीवी, स्मार्ट फोन आदि का उपयोग करके घर पर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

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