निशंक ने 12 शिक्षकों को पहले एआईसीटीई-विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार-2020 से किया सम्मानित
निशंक ने 12 शिक्षकों को पहले एआईसीटीई-विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार-2020 से किया सम्मानित

निशंक ने 12 शिक्षकों को पहले एआईसीटीई-विश्वेश्वरैया सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार-2020 से किया सम्मानित

- महाराष्ट्र से पांच, तमिलनाडु से तीन, गुजरात से दो, दिल्ली और छत्तीसगढ़ से एक-एक शिक्षक नई दिल्ली, 15 सितम्बर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को अभियंता दिवस के मौके पर डिजिटल माध्यम से 12 शिक्षकों को पहले एआईसीटीई-विश्वेश्वरैय्या सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार-2020 से सम्मानित किया। आज सम्मानित होने वाले शिक्षक अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से मान्यता प्राप्त संस्थानों से बातौर संकाय सदस्य जुडे हुए हैं। एआईसीटीई के अध्यक्ष, प्रोफेसर अनिल डी सहस्रबुद्धे, उपाध्यक्ष, एआईसीटीई, प्रो एमपी पूनिया और सदस्य सचिव, एआईसीटीई प्रो राजीव कुमार ने भी आयोजन के दौरान पुरस्कार विजेताओं की सराहना की और राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर बोलते हुए निशंक ने कहा, सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया भारत के अग्रणी इंजीनियर थे और उनका देश की उन्नति में योगदान अविस्मरणीय है। राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए उन्हें 1955 में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था। पोखरियाल ने कहा कि विश्वेश्वरैया जैसे दिग्गजों द्वारा निर्धारित आदर्शों को साकार करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बनाई है। उच्च शिक्षा में एक समग्र और बहु-विषयक शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाएगा। हालांकि, उच्च शिक्षा संस्थानों की सफलता में सबसे महत्वपूर्ण कारक इसके संकाय की गुणवत्ता है। एआईसीटीई- विश्वेश्वर्या सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार 2020 पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पुरस्कार पहली बार असाधारण शिक्षकों की पहचान करने और डिग्री और डिप्लोमा संस्थानों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर उच्च तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्टता, सर्वोत्तम अभ्यास और नवीनता को पहचानने के लिए शुरू किए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर हर साल अभियंता दिवस पर मेधावी संकायों की पहचान करना है और उन्हें वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा की निरंतर बदलती जरूरतों के लिए खुद को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित करना है और जिससे समाज के लिए एक प्रभावी योगदानकर्ता बन जाता है। सम्मानित शिक्षक सबसे अधिक महाराष्ट्र से पांच, तमिलनाडु से तीन, गुजरात से दो, दिल्ली और छत्तीसगढ़ से एक-एक नाम शामिल है। डॉ. मोहम्मद यार (दिल्ली) डॉ. प्रशांत पवार, डॉ. श्रीपाद भटलावांडे, डॉ. मनीष कोकरे डॉ. फारुक अहमद काज़ी और डॉ. शैलजा पाटिल (महाराष्ट्र)। डॉ.मालती आर, डॉ. नंदा कुमार माड़ा और डॉ. जेनेट जयराज (तमिलनाडु), डॉ. तेजपाल गांधी और डॉ. जयवदन पटेल (गुजरात) डॉ. मनीषा शर्मा (छत्तीसगढ़)। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

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