देश पर दशकों तक शासन करने वाले दल ने किसानों को अंधकार व गरीबी में रखाः राधामोहन सिंह
देश पर दशकों तक शासन करने वाले दल ने किसानों को अंधकार व गरीबी में रखाः राधामोहन सिंह

देश पर दशकों तक शासन करने वाले दल ने किसानों को अंधकार व गरीबी में रखाः राधामोहन सिंह

नई दिल्ली, 30 सितंबर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने हाल ही में संसद से पारित कृषि संबंधित विधेयकों का विरोध कर रही कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि जिस राजनीतिक दल ने दशकों तक देश पर शासन किया उसने हमेशा किसान को अंधकार और गरीबी में रखा, उन्हें यह बदलाव अच्छा नहीं लगा। वे सड़क से संसद तक इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये वही लोग हैं, जिनके शासन में किसानों की हालत बद से बदतर होती गई।भाजपा सरकार अपने पहले कार्यकाल से किसानों के हितों के लिए प्रतिबद्ध रही है। किसानों को लुभाने वाली घोषणाओं के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जोर कृषि क्षेत्र को समृद्ध और किसानों को सशक्त बनाने पर रहा है। सिंह ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हाल ही में संसद के दोनों सदनों में कृषि सुधार विधेयकों को पारित किया गया। संसद में पारित इन विधेयकों से अन्नदाता को बिचौलियों से आजादी मिली है और इससे किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्ध सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान के इतिहास में पहली बार वर्ष 2004 में अटल जी के कार्यकाल में राष्ट्रीय किसान आयोग की स्थापना की गई। वर्ष 2006 में इस आयोग की सिफारिश में न केवल कृषि के उन्नयन के लिए सुझाव दिए गए थे बल्कि किसानों के परिवारों के आर्थिक हित के लिए भी सुझाव दिए गए थे। आयोग के अध्यक्ष डॉ. स्वामीनाथन ने छह अगस्त 2018 को अपने एक लेख में लिखा कि “यद्यपि एनसीएफ की रिपोर्ट वर्ष 2006 में प्रस्तुत की गई थी परंतु जब तक नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार नहीं बनी थी, तब तक इस पर बहुत कम काम हुआ था। सौभाग्यवश पिछले 4 वर्षों के दौरान किसानों की स्थिति और आय में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।” पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आज तक कभी भी वर्ष भर में 75 हजार करोड़ रूपया भारत सरकार के खजाने से निकलकर किसान की जेब तक पहुँचे, ऐसा कभी नहीं हुआ है। पीएम किसान योजना के माध्यम से आय सहायता की योजना प्रारंभ की गई। आज तक 92 हजार करोड़ रूपया सीधा किसान के एकाउन्टमें प्रत्य़क्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भुगतान किया गया है। किसान समृद्ध हो, सम्पन्न हो, किसान संगठित हो, किसान को किसानी के लिए तकनीकी समर्थन मिल सके, इस दृष्टि से 10 हजार देश में नए एफपीओ बनाने की घोषणा मोदी सरकार के द्वारा की गई है। यह सिर्फ घोषणा नहीं है, इस पर काम प्रारंभ हो गया है और 6,850 करोड़ रूपयाएफपीओ को समर्थन देने के लिए और उनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए खर्च किया जाएगा। सिंह ने पूर्व की कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि दशकों तक यूपीए की सरकार रही, लेकिन उन्होंने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू नहीं किया। मोदी सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को रिफॉर्म करके लागू किया। मोदी सरकार ने किसानों के हितों की रक्षा करते हुए यूपीए सरकार की तुलना में एमएसपी में लगातार वृद्धि की।मोदी सरकार ने एमएसपी को डेढ़ गुणा करने का निर्णय किया, साथ ही खरीददारी भी बढ़ाई।कुछ राज्यों को छोड़कर किसानों को एमएसपी के दाम डी.बी.टी. के माध्यम से दिए जा रहे हैं। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब काम संभाला, तब से लगातार गांव, गरीब, किसान और खेती आगे बढ़ी है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री की लगातार यह कोशिश रही है। अगर इस कानून के आने से पहले की पृष्ठभूमि को देखेंगे तो ध्यान में आएगा, वर्ष 2009-10 में यूपीए की सरकार थी, उस समय कृषि मंत्रालय का बजट 12 हजार करोड़ रूपए होता था और आज मोदी सरकार है, एक लाख 34 हजार करोड़ रूपया कृषि का बजट है। किसानों को समर्पित मोदी सरकार ने कोविड-19 वैश्विक महामारी के बीच भी कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत कृषि अवसंरचना कोष के लिए 1 लाख करोड़ रूपये का आवंटन किया है। इस पैकेज से किसानों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत-hindusthansamachar.in

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