दिल्ली कूच को लेकर अड़े किसानों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल
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दिल्ली कूच को लेकर अड़े किसानों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल

- पुलिस व किसानों के बीच तनावपूर्ण रही स्थिति - हरियाणा-पंजाब की सभी सीमाएं सील, राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रैफिक को किया डायर्वट चंडीगढ़, 25 नवम्बर (हि.स.)। कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों के दिल्ली कूच के ऐलान को लेकर दिनभर तनाव की स्थिति रही। किसानों के अल्टीमेटम को देखते हुए पुलिस ने प्रदेश भर से बड़ी संख्या में किसान नेताओं को हिरासत में लिया। इसके बावजूद किसान नहीं थमे और राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाए गए दो नाकों को तोड़कर दिल्ली की ओर बढ़े। किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें की लेकिन किसानों के जोश के आगे पुलिस के तमाम प्रबंध बौने साबित हुए। इसके बाद किसानों ने शाहाबाद के नजदीक त्यौड़ा में लगाए गए नाके को लांघा। यहां स्थिति तनावपूर्ण रही।किसानों के बीच में सेना का काफिला फंस गया। किसानों ने सेना के काफिले को निकालने का आग्रह भी किया लेकिन पुलिस ने किसानों की अपील ठुकरा दी। सैन्य अधिकारियों व पुलिस के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। बुधवार सुबह अंबाला में राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित मोहड़ा अनाज मंडी में किसान एकत्रित हुए और दिल्ली की ओर कूच किया। मगर किसानों को राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही पुलिस ने रोक लिया। किसानों ने पुलिस को आधा घंटा का अल्टीमेटम दिया। मगर पुलिस ने किसानों के अल्टीमेटम को अनसुना करते हुए किसानों को रोकने के प्रबंधों को पुख्ता किया। तब भी किसान पुलिस के तमाम प्रबंधों को तोड़ आगे बढ़े। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है कि किसान दिल्ली पहुंचकर ही रहेंगे, चाहे उन्हें कितने ही नाके क्यों न लांघने पड़े। किसानों के दिल्ली कूच के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत प्रदेश की रोडवेज बसें पंजाब में नहीं जाएंगी। मनोहर सरकार ने इसकी घोषणा कर दी है। जब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा, हरियाणा रोडवेज की कोई बस पंजाब नहीं जाएगी। इसके साथ ही सभी रोडवेज डिपुओं को अतिरिक्त बसों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। डिपुओं को 5-5 अतिरिक्त बसें रखने को कहा गया है। पुलिस की ओर से पंजाब जाने वाले मुख्य रास्ते बंद कर दिए गए हैं। जींद में दातासिंहवाला बॉर्डर और अम्बाला में देवीनगर और सद्दोपुर बॉर्डर सील किए हैं। झज्जर-रेवाड़ी समेत कई जिलों में धारा 144 लगा दी है। सोनीपत में कुंडली बॉर्डर पर नाकेबंदी कड़ी कर दी है। डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि केंद्र से रेपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 5 कंपनियां बुलाई हैं। इन्हें सिरसा, अम्बाला, जींद में पंजाब बॉर्डर और सोनीपत में दिल्ली बॉर्डर पर तैनात किया है। पुलिस की 14 अतिरिक्त कंपनियां भी लगाई हैं। किसानों को पंजाब से एंट्री करने व दिल्ली जाने से रोकने पर फोकस है। इस बीच सीएम मनोहर लाल ने किसानों से दिल्ली कूच वापस लेने की अपील की है। 4 नेशनल हाईवे पर फोकस किसान संगठनों के मुख्य फोकस में हरियाणा से दिल्ली जाने वाले 4 प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग रहेंगे। इनमें अम्बाला-दिल्ली, हिसार-दिल्ली, रेवाड़ी-दिल्ली और पलवल-दिल्ली हाईवे होंगे। अम्बाला के शंभू बॉर्डर, भिवानी के गांव मुढ़ाल चौक, करनाल में घरौंडा मंडी, बहादुरगढ़ में टिकरी बॉर्डर व सोनीपत में एजुकेशन सिटी राई में भी किसानों के एकत्रित होने की संभावना है। किसानों को हिरासत में लेने पर हाई कोर्ट सख्त हरियाणा पुलिस द्वारा किसानों की धरपकड़ किए जाने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट सख्त हो गया है। हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा के मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर गुरुवार तक जवाब मांगा है। गुरुवार को इस मामले में फिर से सुनवाई होगी। कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब के किसान संगठन मंगलवार रात से ही दिल्ली कूच कर रहे हैं। हरियाणा के किसान संगठन इसका समर्थन कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस ने मंगलवार रात से ही किसानों की धरपकड़ शुरू कर रखी है। जिसके चलते बुधवार को हरियाणा प्रोग्रेसिव फार्मर्स यूनियन तथा सबका मंगल हो नामक संगठन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कोर्ट से अपील की गई है और सभी थानों में जांच के लिए सरकारी खर्चे पर वारंट आफिसर तैनात करने की मांग की है। हिन्दुस्थान समाचार/वेदपाल-hindusthansamachar.in

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