टू-जी स्पेक्ट्रम मामले में हाईकोर्ट 13 जनवरी से दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगा
टू-जी स्पेक्ट्रम मामले में हाईकोर्ट 13 जनवरी से दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगा

टू-जी स्पेक्ट्रम मामले में हाईकोर्ट 13 जनवरी से दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगा

नई दिल्ली, 01 दिसम्बर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट टू-जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपितों के खिलाफ सीबीआई की अपील पर 13 जनवरी से दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगा। कोर्ट 13, 14 और 15 जनवरी को लगातार दलीलें सुनेगा। हाईकोर्ट आरोपितों की उस अर्जी को खारिज कर चुका है, जिसमें उन्होंने जरूरी स्वीकृति नहीं मिलने की वजह से सीबीआई की अपील को खारिज करने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान सीबीआई और ईडी की ओर से वकील सोनिया माथुर ने कहा कि जस्टिस बृजेश सेठी इस याचिका पर रोजाना सुनवाई कर रहे थे। सोनिया माथुर ने जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच से रोजाना सुनवाई करने की मांग की। तब जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा कि दिसम्बर में लिस्टिंग फुल है। तब माथुर ने कहा कि जनवरी में कोर्ट के खुलते ही रोजाना सुनवाई शुरू कीजिए। तब कोर्ट ने कहा कि ये 13 जनवरी से ही संभव है। उसके बाद कोर्ट ने 13 जनवरी से 15 जनवरी तक रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया। 13 जनवरी से सीबीआई अपनी दलीलें शुरू करेगी। पिछले 23 नवम्बर को जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच ने आरोपितों की अर्जी को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट में हुआ संशोधन उन मामलों पर लागू नहीं होता, जो संशोधन के पहले के हैं। ये संशोधन पहले के कानून को काटने के लिए नहीं किए गए हैं। जस्टिस बृजेश सेठी ने कहा था कि सीबीआई को अपील दायर करने के लिए स्वीकृति लेने की जरुरत नहीं है, क्योंकि खुद स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर ने अपील दायर की है। जस्टिस बृजेश सेठी के पिछले 30 नवम्बर को रिटायर होने के बाद इस मामले को जस्टिस योगेश खन्ना की बेंच के समक्ष लिस्ट किया गया। इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा औऱ कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपितों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। 25 मई, 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपितों को नोटिस जारी किया था। हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपितों को नोटिस जारी किया है। उल्लेखनीय है कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसम्बर, 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपितों को बरी कर दिया था। जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हु आ है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in

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