झारखंड की कोयला खदानों की नीलामी पर सुनवाई एक हफ्ते बाद
झारखंड की कोयला खदानों की नीलामी पर सुनवाई एक हफ्ते बाद

झारखंड की कोयला खदानों की नीलामी पर सुनवाई एक हफ्ते बाद

नई दिल्ली, 06 जुलाई (हि.स.)। झारखंड की कोयला खदानों के वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी के केंद्र के फैसले को राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई टल गई है। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर एक हफ्ते के बाद सुनवाई करेगा। सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र ने झारखंड सरकार से सलाह लिए बिना ही एकतरफा घोषणा की है। केंद्र के इस फैसले से पर्यावरण को नुकसान होने के अलावा आदिवासियों पर भी असर होगा। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार उसकी सीमा के भीतर स्थित इन खदानों और खनिज संपदा की मालिक है। याचिका में 5 और 23 फरवरी की बैठकों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि केंद्र ने राज्य सरकार की ओर से दर्ज कराई गई आपत्तियों पर विचार नहीं किया। याचिका में संविधान की पांचवी अनुसूची का जिक्र करते हुए कहा गया है कि झारखंड में नौ कोयला खदानों में से छह को नीलामी के लिए रखा गया है। ये सबी पांचवी अनुसूची के इलाके में हैं। याचिका में कहा गया है कि झारखंड में 29.4 फीसदी वन क्षेत्र है और नीलामी के लिए रखी गई कोयला खदानें वन भूमि पर हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/बच्चन-hindusthansamachar.in

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