गुरु और शनि ग्रह 400 साल बाद आज होंगे सबसे नजदीक
गुरु और शनि ग्रह 400 साल बाद आज होंगे सबसे नजदीक

गुरु और शनि ग्रह 400 साल बाद आज होंगे सबसे नजदीक

- इससे पहले यह अद्भुत खगोलीय घटना करीब 400 साल पूर्व वर्ष 1623 में इससे पहले हुई थी विजयलक्ष्मी नई दिल्ली, 21 दिसम्बर (हि.स.)। सोमवार को साल का सबसे छोटा दिन होने के साथ 400 साल बाद गुरु और शनि ग्रह एक दूसरे के सबसे नजदीक होंगे। वैसे तो सूर्य की परिक्रमा करते हुए दोनों ग्रह लगभग 20 साल में समीप आते दिखते हैं लेकिन आज बेहद नजदीक होंगे। इससे पहले इस तरह की अद्भुत खगोलीय घटना करीब 400 साल पूर्व वर्ष 1623 में हुई थी। नेहरू तारामंडल की निदेशक डॉ. रत्नाश्री ने बताया कि जुपिटर औऱ सैटर्न (गुरु-शनि )के इस तरह नजदीक आने को ग्रेट कंजक्शन कहते हैं। वैज्ञानिक भाषा में कहें तो ग्रेट कंजक्शन में जुपिटर की पृथ्वी से दूरी लगभग 5.924 एस्ट्रेनॉमिकल यूनिट है, जबकि सेटर्न की दूरी 10.825 एस्ट्रेनॉमिकल यूनिट है। इस तरह मिलते जरूर दिखेंगे लेकिन ये ग्रह वास्तव में एक-दूसरे से 73 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूरी पर होंगे। इन ग्रेट कंजक्शन के समय इनके बीच की दूरी 73 करोड़ 38 लाख 60 हजार 864 किमी रहेगी, लेकिन पृथ्वी से यह दोनों गृह एक-दूसरे में समाये हुए दिखाई देंगे। शाम 5 बजे के आसपास देख सकेंगे खगोलीय घटना सोमवार की शाम करीब 5 बजे डूबते सूर्य के आसपास यह ग्रह देखे जा सकेंगे। अंधेरा होते ही सूर्य अस्त के स्थान पर आप ग्रहों की जोड़ी देखेंगे, जिसमें ज्यादा चमकता ग्रह जुपिटर होगा और उसके बाईं ओर कुछ ऊपर शनि होगा। टेलिस्कोप से जुपिटर के चार बड़े चंद्रमा और सेटर्न के रिंग को भी देख पाएंगे। सोमवार को सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच की अवधि 10 घंटे 42 मिनट होती है। इसी आधार पर इस दिन रात की अवधि सबसे लम्बी करीब 13 घंटे 17 मिनट की रहती है। सोमवार को सूर्यास्त 5.39 बजे होगा। इस हिसाब से दिन की अवधि 10 घंटे 42 मिनट रहेगी। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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