केरल विधानसभा के विशेष सत्र को मंजूरी नहीं देना अलोकतांत्रिक : कांग्रेस
केरल विधानसभा के विशेष सत्र को मंजूरी नहीं देना अलोकतांत्रिक : कांग्रेस

केरल विधानसभा के विशेष सत्र को मंजूरी नहीं देना अलोकतांत्रिक : कांग्रेस

नई दिल्ली, 23 दिसम्बर (हि.स.)। कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन पर चर्चा के लिए केरल सरकार द्वारा विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने का प्रस्ताव खारिज होने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस का कहना है कि एक ओर मोदी सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है, दूसरी ओर केंद्र के बैठाये राज्यपाल राज्य में भी इस मुद्दे पर होने वाली चर्चा को रोकने में लगे हैं। कांग्रेस ने इस पूरी घटना को अलोकतांत्रिक और संविधान विरोधी बताया है। कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने केरल विधानसभा में किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए विशेष सत्र नहीं बुलाने के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के फैसले को जन विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या पर चर्चा करने से राज्यपाल का मना करना अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि आखिर संविधान में जन प्रतिनिधियों की यही तो भूमिका है कि वो लोगों की समस्याओं का समाधान करें तो फिर विधानसभा के विशेष सत्र का प्रस्ताव खारिज करना किस तरह संविधान हित में है। उधर, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि केरल आंदोलनकारी किसानों के साथ एकजुटता के साथ खड़ा है। खेती विरोधी कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का जनसमर्थन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को किसानों की वाजिब मांगों को सुनना चाहिए और इस जनविरोधी कानून को खत्म करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि केरल की एलडीएफ सरकार केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों पर चर्चा करने के लिए बुधवार को विशेष सत्र आयोजित करना चाहती थी। विधानसभा में सत्र के दौरान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराए जाने की उम्मीद थी। हालांकि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने पिनाराई विजयन सरकार की ओर से बुलाए गए राज्य विधानसभा के विशेष सत्र को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद से ही कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियां राज्यपाल के फैसले को संविधान विरोधी बता रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/आकाश-hindusthansamachar.in

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