केंद्रीय मंत्री निशंक 'वातायन लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित

केंद्रीय मंत्री निशंक 'वातायन लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित

नई दिल्ली, 21 नवम्बर (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को शनिवार को वर्चुअल माध्यम से आयोजित समारोह में 'वातायन लाइफटाइम अचीवमेंट' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नेहरू सेंटर, लंदन के निदेशक और प्रसिद्ध लेखक डॉ अमीष त्रिपाठी इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि थे। वातायन की अध्यक्ष, मीरा कौशिक, केंद्रीय हिंदी परिषद, आगरा के उपाध्यक्ष कवि अनिल शर्मा जोशी और वाणी प्रकाशन की कार्यकारी निदेशक, अदिति महेश्वरी भी इस समारोह में उपस्थित थे। पुरस्कार प्रदान करने के लिए वातायन ब्रिटेन का आभार व्यक्त करते हुए पोखरियाल ने कहा कि विविधता में एकता भारत की पहचान है और हमारी संस्कृति में भाषाओं का विशेष महत्व है। संस्कृति और भाषा एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं,जैसे-जैसे भाषा मजबूत होती है वैसे-वैसे ही संस्कृति और सभ्यता को विस्तार मिलता है इसी तरह, लेखन से देश की सभ्यता और संस्कृति भी मजबूत होती है। शिक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि साहित्य हमारी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, शैक्षणिक विरासत है जो देश को अदृश्य रूप से मजबूत करता है। उन्होंने दुनिया में भारतीय ज्ञान परंपरा की मान्यता के लिए प्रत्येक उस व्यक्ति को श्रेय दिया जो साहित्य से जुड़ा है, चाहे वह लेखक, कवि, संगीतकार या चित्रकार है। उन्होंने कहा कि वातायन सम्मान न केवल उनके लेखन और साहित्य, बल्कि भारतीय मूल्यों और परंपराओं को भी मान्यता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि उनका लेखन उनके अनुभवों, संघर्षों, जीवन मूल्यों और आदर्शों से संबंधित है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनके लेखन ने हमेशा गरीबों और शोषितों को अभिव्यक्ति प्रदान की है और उनके सभी गीत भारतीय जीवन मूल्यों, भारतीयता और राष्ट्रीयता के लिए समर्पित हैं। पोखरियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना पर आधारित नई शिक्षा नीति -2020 ने भाषा और संस्कृति को केंद्र में रखा है और बच्चों को मातृभाषा से जोड़ने का प्रयास किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस नीति के माध्यम से युवा अपने करियर में अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचने में सक्षम होंगे। शिक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि वातायन, मातृभाषा हिंदी के वैश्विक प्रचार और प्रसार के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के हिंदी लेखकों और कवियों को सम्मानित करते हुए, उन्हें अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान किया है, जिसके माध्यम से देश की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को मान्यता प्राप्त होती है। केंद्रीय हिंदी परिषद के उपाध्यक्ष और एक प्रख्यात लेखक अनिल शर्मा जोशी ने कहा कि राजनीतिक प्रतिस्पर्धा की दुनिया में, एक कवि का दिमाग अपनी अद्भुत रचनात्मकता को जीवित रखता है। लंदन के वातायन-ब्रिटेन संगठन द्वारा दिए गए वातायन इंटरनेशनल अवार्ड्स, कवियों, लेखकों और कलाकारों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उनके अनुकरणीय कार्यों के लिए सम्मानित करते हैं। इससे पहले प्रसून जोशी, जावेद अख्तर जैसी कई नामचीन हस्तियों को उनके साहित्यिक योगदान के लिए वातायन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। कार्यक्रम का सजीव प्रसारण वैश्विक हिंदी परिवार के फेसबुक पर किया गया था। इसमें दुनिया भर के प्रख्यात हिंदी विद्वान, कलाकार और मीडिया कर्मी मौजूद थे। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in