कृषि कानूनों का एमएसपी व मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा: तोमर
कृषि कानूनों का एमएसपी व मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा: तोमर

कृषि कानूनों का एमएसपी व मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा: तोमर

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए क्रांतिकारी कृषि कानूनों का देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मौजूदा मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा। तोमर ने शुक्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल फूड एंड एग्री वीक का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए क्रांतिकारी कृषि कानूनों का देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मौजूदा मंडी प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा, बल्कि किसानों को स्वंतत्रता मिलने व वैकल्पिक बाजार उपलब्ध होने से अब किसान अपनी उपज मंडी परिसर के बाहर भी, किसी को- कहीं भी- कभी भी उचित दाम पर बेच सकते हैं और अधिक मुनाफा कमा सकेंगे। तोमर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित एग्रो एंड फूड टेक के 14वें संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार कृषि एवं खाद्य क्षेत्र के निरंतर विकास के लिए प्रतिबद्ध है, इसीलिए अनेक सुधार और पहल की गई हैं। नए रिफार्म्स के अंतर्गत 'एक देश-एक बाजार' तथा फार्म-गेट अधोसंरचना के माध्यम से आमूलचूल बदलाव आएगा और किसानों की आय बढ़ेगी। नए कृषि कानून से किसानों के हित में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा। कतिपय लोग अपने निजी स्वार्थों के चलते भ्रम फैला रहे हैं, गुमराह करने की असफल कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारे देश के जागरूक किसान भाई उनकी ये चालें बखूबी समझते हैं। एमएसपी व मंडी प्रणाली जारी रहने के साथ ही नए प्रावधान के तहत संविदा खेती का जो करार होगा, वह केवल किसानों की फसल के लिए ही होगा, जमीन किसानों की अपनी ही रहेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्यान व किराना बाजार विश्व का छठां सबसे बड़ा है। भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, देश के खाद्य बाजार का 32 प्रतिशत होने के साथ ही देश का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। युवाओं द्वारा ज्यादा उपभोग की आदतें इसे और भी बड़ा बना रही हैं। तोमर ने सीआईआई के, कृषि क्षेत्र में दृष्टिकोण और प्रयासों की सराहना की और कहा कि ये वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के साथ गठबंधन कर रहे हैं। सीआईआई एग्रो एंड फूड टेक-2020 के अध्यक्ष अजय एस. श्रीराम ने कहा,"1994 में स्थापना के बाद से, सीआईआई एग्रो टेक दुनियाभर के कृषि व्यवसाय समुदायों को एक साथ लाया है।मौजूदा स्थिति को देखते हुए, एग्रो टेक इंडिया के 14वें संस्करण को अब ' एग्रो एंड फूड टेक 'इंडिया इंटरनेशनल फूड एंड एग्री वीक 'के रूप में नामित किया गया है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि हमारी कृषि बिरादरी और कृषि उद्योग के हितधारकों को कृषि और संबंधित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में प्रगति की महत्वपूर्ण जानकारी और ज्ञान से वंचित नहीं किया जा सके।चावल मूल्य श्रृंखला में, हरियाणा में किसान ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी की शुरुआत से लाभान्वित हो रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप निर्यात में वृद्धि हुई है। हिन्दुस्थान समाचार/अजीत-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in