कांग्रेस की मांग, नए ‘श्रमिक विरोधी’ नियम पर पुनर्विचार करे सरकार
कांग्रेस की मांग, नए ‘श्रमिक विरोधी’ नियम पर पुनर्विचार करे सरकार

कांग्रेस की मांग, नए ‘श्रमिक विरोधी’ नियम पर पुनर्विचार करे सरकार

नई दिल्ली, 23 नवम्बर (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार के लाए ‘पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति (ओएसएच) संहिता- 2020’ से संबंधित प्रस्तावित नए नियमों को ‘श्रमिक विरोधी’ करार दिया है। उसका कहना है कि इस नए प्रस्ताव से देश में बेरोजगारी बढ़ेगी क्योंकि इससे 41 लाख नौकरियां जाएंगी। कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार इस पर पुनर्विचार करे और श्रमिक संगठनों के साथ बातचीत के बाद कोई रास्ता निकाले। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को दावा किया कि इन नियमों के लागू होने से ‘आर्थिक गुलामी’ की व्यवस्था बन जाएगी। उन्होंने जारी बयान में कहा कि ‘‘पेशेवर सुरक्षा, स्वास्थ्य व काम करने की स्थिति से संबंधित नए नियमों से संगठित क्षेत्र में 41 लाख नौकरियां खत्म हो जाएंगी। भारत ने दास प्रथा को सदियों पहले खत्म कर दिया था लेकिन मोदी सरकार ने आर्थिक गुलामी की नयी व्यवस्था लागू कर दी है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि इस ‘श्रमिक विरोधी’ नए नियम से सिर्फ अमीरों को फायदा होगा, जबकि मजदूर और कामकाजी तबके के लोगों का शोषण बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने गरीबों व कमजोरों का शोषण रोकने की बजाय अब मजदूरों व उत्पादन कार्य में लगे मजदूरों और कामकाजी तबके के दमन को खुली छूट दे दी है। नए नियमों के अंतर्गत नियम 28 से फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के लिए 12 घंटे की शिफ्ट का प्रावधान किया जा रहा है, जिससे उनके पास फैक्ट्री आने के लिए घंटों तक का सफर करने, आराम करने, घर के काम करने या फिर परिवार को देने के लिए समय ही नहीं बचेगा और उनके काम व जीवन का संतुलन बिगड़ जाएगा। इससे भारत में मजदूर एवं कर्मचारी वर्ग की शारीरिक एवं मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ेगा। वहीं, रोजगार छीनने के मसले पर कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत सरकार द्वारा साल 2017-18 में किए गए उद्योगों के वार्षिक सर्वे के अनुसार, भारत में अकेले संगठित क्षेत्र में 1,22,24,402 (लगभग 1.22 करोड़) कर्मचारी फैक्ट्रियों में काम कर रहे थे। लेकिन अब भाजपा सरकार द्वारा नए नियमों के तहत काम के घंटे बढ़ा दिए जाने के बाद एक तिहाई यानि लगभग 40,65,000 कर्मचारी फौरन बेरोजगार हो जाएंगे। सुरजेवाला ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी की मांग है कि इन नियमों पर पुनर्विचार किया जाए और सभी श्रमिक संगठनों एवं संबंधित पक्षों से बातचीत की जाए। तब तक के लिए इन नियमों को लागू नहीं किया जाए।’ हिन्दुस्थान समाचार/आकाश-hindusthansamachar.in

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