ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब्स मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी, दिल्ली सरकार को नोटिस
ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब्स मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी, दिल्ली सरकार को नोटिस

ऑनलाइन पैथोलॉजी लैब्स मामले में हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी, दिल्ली सरकार को नोटिस

नई दिल्ली, 12 नवम्बर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने आनलाइन पैथोलॉजी लैब्स पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश को लागू नहीं करने पर दिल्ली के मुख्य सचिव और आईसीएमआर के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है। जस्टिस संजीव सचदेवा की बेंच ने 29 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। याचिका जयपुर के एक पैथोलॉजिस्ट रोहित जैन ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील शशांक सुधी देव ने कहा कि पिछले 6 अगस्त को हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और आईसीएमआर को निर्देश दिया है कि ऐसी आनलाइन लैब्स के खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद इस आदेश का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि healthian और 1mg जैसे आनलाइन पैथोलॉजी लैब्स दिल्ली में अवैध तरीके से काम कर रहे हैं। ये आम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। अगस्त में भी रोहित जैन ने ही याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि आनलाइन पैथोलॉजी लैब्स की ओर से लोगों के खून का सैंपल लेना लोगों की जान को खतरे में डाल सकता है, क्योंकि इन लैब्स की कोई प्रामाणिकता नहीं है। याचिका में कहा गया था कि ये आनलाइन पैथोलॉजिकल लैब्स बिना किसी अनुमति के चल रही हैं। याचिका में कहा गया था कि आनलाइन पैथोलॉजी लैब क्लीनिकल एस्टैबलिशमेंट एक्ट के तहत रजिस्टर्ड नहीं किए गए हैं। इसलिए मरीजों का सैंपल लेने के लिए वे मेडिको लीगल रूप से उतरदायी नहीं हैं। याचिका में आनलाइन एग्रीगेटर के जरिये चलने वाले पैथोलॉजी लैब्स को बंद करने की मांग की गई थी। आनलाइन पैथोलॉजी सर्विस के जरिये लोग अपनी सुविधा के मुताबिक सैंपल देने के लिए बुकिंग करवाते हैं। याचिका में कहा गया था कि इन लैब्स के संचालकों के क्वालिफिकेशन का वेरिफिकेशन भी नहीं किया गया है। ये आईसीएमआर के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए कोरोना का अनधिकृत रूप से टेस्ट कर रहे हैं। ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने के अधिकार का उल्लंघन है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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