एनएचएआई टोल प्लाजा के बाद अब सड़कों के लिए भी शुरू करेगा रैंकिंग प्रणाली
एनएचएआई टोल प्लाजा के बाद अब सड़कों के लिए भी शुरू करेगा रैंकिंग प्रणाली

एनएचएआई टोल प्लाजा के बाद अब सड़कों के लिए भी शुरू करेगा रैंकिंग प्रणाली

नई दिल्ली, 06 जुलाई (हि.स.)। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अपनी सभी सड़कों का दौरा कर उनकी रैंकिंग जारी करेगा। इसके लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया जाएगा। असल में इस कवायद का उद्देश्य मुसाफिरों को सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करना है। इससे पहले फरवरी में एनएचएआई ने देश में टोल प्लाजा के लिए रैंकिंग की शुरुआत की थी। मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के तहत भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने देश में राजमार्गों के प्रदर्शन का आकलन और रैंकिंग करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के मूल्यांकन ऑडिट और रैंकिंग का उद्देश्य यात्रियों को गुणवत्ता में सुधार और उच्च स्तर की सेवा प्रदान करने के लिए जहां कहीं भी आवश्यक हो, सुधारात्मक कदम उठाना है। राजमार्गों का मूल्यांकन भारतीय संदर्भ में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कार्यप्रणालियों और अध्ययन के आधार पर होगा, ताकि भारत के संबंध में राजमार्गों को और बेहतर बनाया जा सके। मूल्यांकन के मानदंड को मुख्य रूप से तीन मुख्य भागों में वर्गीकृत किया गया है। इसमें राजमार्ग दक्षता (45 प्रतिशत), राजमार्ग सुरक्षा (35 प्रतिशत) और उपयोगकर्ता सेवाएं (20 प्रतिशत) शामिल हैं। मूल्यांकन के परिणाम के आधार पर, प्राधिकरण एक व्यापक विश्लेषण करेगा और ये तय करेगी कि समग्र सेवा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किस तरह से काम करने की जरूरत है। इसके अलावा संचालन की गति, अभिगम नियंत्रण, टोल प्लाजा पर लगने वाले समय, सड़क के संकेतक, सड़क के निशान, दुर्घटना की दर, घटना की प्रतिक्रिया समय, क्रैश अवरोधों, रोशनी, उन्नत यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) की उपलब्धता, संरचनाओं की कार्यक्षमता जैसे महत्वपूर्ण पैरामीटर मूल्यांकन के दौरान ग्रेड से अलग चौराहों, साफ-सफाई, वृक्षारोपण, सड़क के किनारे की सुविधाओं और ग्राहकों की संतुष्टि पर भी विचार किया जाएगा। यह आकलन एनएचएआई की अन्य परियोजनाओं के लिए डिजाइन, मानकों, प्रथाओं, दिशा-निर्देशों और अनुबंध समझौतों के अंतराल को पहचानने और भरने में भी मदद करेगा। गलियारों की रैंकिंग गतिशील होगी और रियायतकर्ता, ठेकेदार व ऑपरेटर को उस गलियारे पर सेवाओं में सुधार करके अपनी रैंकिंग में सुधार करने का अवसर मिलेगा। सभी गलियारों की समग्र रैंकिंग के अलावा, बीओटी, एचएएम और ईपीसी परियोजनाओं के लिए अलग-अलग रैंकिंग भी की जाएगी। रैंकिंग की यह प्रक्रिया परिचालन दक्षता लाएगी और सड़कों की उच्च गुणवत्ता के रखरखाव को सुनिश्चित करेगी हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/बच्चन-hindusthansamachar.in

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