उप्र के विश्वविद्यालयों में सिर्फ अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों की होगी परीक्षा, अन्य होंगे प्रोन्नत
उप्र के विश्वविद्यालयों में सिर्फ अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों की होगी परीक्षा, अन्य होंगे प्रोन्नत

उप्र के विश्वविद्यालयों में सिर्फ अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों की होगी परीक्षा, अन्य होंगे प्रोन्नत

- स्नातक अन्तिम वर्ष का परिणाम 15 अक्टूबर व स्नातकोत्तर अन्तिम वर्ष का 31 अक्टूबर तक होगा घोषित लखनऊ, 16 जुलाई (हि.स.)। कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए प्रदेश के विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में स्नातक व परास्नातक के सिर्फ अन्तिम वर्ष के विद्यार्थियों की ही परीक्षा कराने का फैसला लिया गया है। स्नातक प्रथम या द्वितीय सेमेस्टर छात्रों के परिणाम आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किए जाएंगे। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा डॉ. दिनेश शर्मा ने गुरुवार को बताया कि विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की कई परीक्षाएं कोरोना के चलते स्थगित करनी पड़ी थीं। अब राज्य में विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों की अन्तिम वर्ष और सेमेस्टर की परीक्षाएं हैं उन्हें छोड़कर बाकि परीक्षाओं को स्थगित करने का निर्णय किया गया है। स्नातक में प्रथम तथा द्वितीय और परास्नातक में प्रथम वर्ष के सभी छात्र-छात्राओं को आंतरिक मूल्यांकन व पिछली कक्षा में मिले अंकों के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। सिर्फ स्नातक तृतीय वर्ष और परास्नातक द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षाएं होंगी। डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए अन्तिम सेमेस्टर की परीक्षाएं निर्धारित प्रोटोकॉल के अंदर सभी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सितम्बर 2020 के अन्त तक ऑफलाइन, ऑनलाइन या दोनों विधाओं से संपन्न करवाई जाएंगी।परीक्षा का समय कम होगा और बहुविकल्पीय प्रश्न भी पूछे जा सकेंगे। इसके लिए प्रदेश के विश्वविद्यालय 23 जुलाई तक अन्तिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा का कार्यक्रम तैयार कर उच्च शिक्षा विभाग को सौंपेंगे। इसके साथ ही 30 सितम्बर तक अन्तिम वर्ष और अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा ऑफलाइन या ऑनलाइन कराने का भी निर्देश दिया गया है। इसके बाद स्नातक अन्तिम वर्ष का परिणाम 15 अक्तूबर और स्नातकोत्तर अन्तिम वर्ष का परिणाम 31 अक्तूबर तक घोषित किया जाएगा। डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर छात्रों के स्वास्थ्य सुरक्षा सिद्धान्तों, पारदर्शी एवं समान अवसर को महत्व दिये जाने सहित विभिन्न बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए परीक्षाएं सम्पन्न कराने और परिणाम घोषित करने और आगामी सत्र के शैक्षणिक कैलेण्डर के बिन्दुओं को शामिल किया गया है। यूजीसी तथा भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में प्रदेश के विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं व परिणाम 2020-21 के सम्बन्ध में दिशा-निर्देशों के मुताबिक कोरोना के प्रसार के खतरे के दृष्टिगत राज्य विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष, अंतिम सेमेस्टर को छोड़कर अवशेष परीक्षाओं को स्थगित किया जाए। इसके साथ ही कहा गया है कि कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा जहां सभी परीक्षाएं लॉकडाउन से पूर्व सम्पन्न करा ली गई थीं और मूल्यांकन के बाद परिणाम भी जारी कर दिये गये हैं। वे परिणाम यथावत रहेंगे। इन परीक्षाओं पर वे नियम लागू रहेंगे, जो पहले से लागू थे। वहीं कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा विभिन्न कक्षाओं की कुछ परीक्षाएं लॉकडाउन से पूर्व सम्पन्न कर ली गई थीं। उनके मूल्यांकन करके उनके अंक अंतिम परिणाम में सम्मिलित किये जायेंगे। इसके अलावा सभी संकायों के विभिन्न कक्षाओं के ऐसे छात्र जो लॉकडाउन यानि विगत 18 मार्च के पूर्व सम्बन्धित विश्वविद्यालय द्वारा सम्पन्न करायी गई परीक्षा के प्रश्न-पत्रों के मूल्यांकन के आधार पर अपनी कक्षा के प्रत्येक विषय में पृथक-पृथक उत्तीर्ण की है अथवा बैक पेपर के लिए अर्ह है। उन्हें अगले वर्ष, अगले सेमेस्टर में प्रोन्नत कर दिया जाएगा तथा उनकी अवशेष परीक्षाएं स्थगित रहेंगी। ऐसे छात्र, जो पूर्व में सम्पादित इस परीक्षा के अपूर्ण परिणाम के आधार पर सम्बन्धित विश्वविद्यालय के नियमानुसार बैक पेपर के लिये भी अर्ह नहीं है तथा अनुत्तीर्ण है, उनको वर्ष 2020 की परीक्षा में अनुत्तीर्ण घोषित किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/राजेश/सुनीत-hindusthansamachar.in

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