उन्नाव कांड: अतुल सेंगर के ओरल कैंसर का इलाज कराएगा तिहाड़ प्रशासन
उन्नाव कांड: अतुल सेंगर के ओरल कैंसर का इलाज कराएगा तिहाड़ प्रशासन

उन्नाव कांड: अतुल सेंगर के ओरल कैंसर का इलाज कराएगा तिहाड़ प्रशासन

नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया है कि उन्नाव रेप मामले में दोषी करार दिए गए भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर के ओरल कैंसर के इलाज की पर्याप्त व्यवस्था करें। जस्टिस विभू बाखरु ने अतुल सेंगर की याचिका पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया। सुनवाई के दौरान मंगलवार को कोर्ट को बताया गया कि अतुल सेंगर को ओरल कैंसर है और उसे इंटेंसिव केयर की जरुरत है। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्रशासन ने कहा कि वह अतुल सेंगर का पर्याप्त इलाज कराएगा। तिहाड़ जेल की इस दलील के बाद कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए अतुल सेंगर को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने का आदेश दिया। तब अतुल सेंगर के वकील ने पैरोल देने की मांग पर जोर नहीं दिया। कोर्ट ने पिछले 13 अगस्त को अतुल सेंगर से कहा था कि वो उनके इलाज के लिए कस्टडी पैरोल दे सकता है। कोर्ट ने अतुल सेंगर के वकील को निर्देश दिया था कि वो अतुल सेंगर से ये निर्देश लें कि वो किस अस्पताल में इलाज कराना चाहते हैं। कोर्ट ने अतुल सेंगर के वकील से कहा था कि अगर वे निजी अस्पताल का चयन करते हैं तो इलाज का पूरा खर्च उन्हें खुद वहन करना होगा। अतुल सेंगर ने अपनी बीमारियों के इलाज के लिए कस्टडी पैरोल की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। सुनवाई के दौरान अतुल सेंगर की ओर से वकील अखंड प्रताप सिंह ने कहा था कि अतुल सेंगर को कई बीमारियां हैं। तीस हजारी कोर्ट ने पिछले 13 मार्च को उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में कुलदीप सेंगर और अतुल सेंगर समेत सभी सातो आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी। रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी । 4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था। रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी। तीस हजारी कोर्ट ने 20 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था। तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर की दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका लंबित है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत-hindusthansamachar.in

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