इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वालों की 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' ने की कड़ी निंदा
इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वालों की 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' ने की कड़ी निंदा

इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने वालों की 'मुस्लिम राष्ट्रीय मंच' ने की कड़ी निंदा

- देशभर में विरोध-प्रदर्शन का लिया फैसला नई दिल्ली, 04 नवम्बर (हि.स.)। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने देश और दुनिया में इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने की विभिन्न घटनाओं की कड़ी निंदा की है। इसको लेकर मंच के पदाधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बुधवार को हुई राष्ट्रीय बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रस्ताव में मंच ने ऐसी सभी घटनाओं की कठोर शब्दों में निंदा की और ऐसी बढ़ती हुई हिंसा को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। मंच ने यह भी फैसला किया है कि इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रही ताकतों का देशव्यापी विरोध किया जाएगा। देशभर में उनके पुतले भी जलाए जाएंगे। इसके साथ ही मुस्लिम राष्ट्रीय मंच देश के सच्चे और अच्छे मुसलमानों से अपील करता है कि वे इस दानवीय हिंसा के खिलाफ आवाज बुलंद करें और इस्लाम का अमन, सलामती, भाईचारे एवं खुशहाली का पैगाम समाज में प्रसारित कर सामाजिक सौहार्द्र, शांति बनाए रखने में अपना योगदान दें। पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि आज पूरे देश और दुनिया में इस्लाम के नाम पर कुछ मुसलमानों की कट्टरता भयावह रूप लेती दिखाई देती है। फ्रांस में एक टीचर पर हमला कर उसकी गर्दन काट देना, हरियाणा में निकिता नाम की एक हिन्दू लड़की की सिर्फ इसलिए हत्या करना की उसने धर्म बदलने और मुस्लिम युवक से शादी करने से इनकार कर दिया था, मथुरा के नंदभवन मंदिर में पूजा के नाम पर प्रवेश कर नमाज अदा करना, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे का अपमान, फारूक अब्दुला के चीन की सहायता से कश्मीर को आजाद करने की बात करना और कश्मीर में भाजपा कार्यकर्ताओं पर आतंकी हमले, विपक्षी दलों द्वारा मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति के नाम पर मुस्लिम कट्टरता को बढ़ावा देना, देश के अमन और शांति को खंड-खंड करना, ऐसी सारी घटनाएं चिंतित करनेवाली हैं। इन घटनाओं से उत्पन्न परिस्थितियों पर विचार करने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के देश के प्रमुख पदाधिकारियों की एक आपात बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने की। बैठक में मंच के सभी राष्ट्रीय संयोजक एवं प्रकोष्ठों के प्रमुख पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि ऐसी सारी घटनाएं कट्टरता का अमानवीय चेहरा प्रस्तुत करती हैं, साथ ही मानवता के लिए खतरे की घंटी हैं। बैठक में मोहम्मद अफजल के अलावा डॉ. शाहिद अख्तर, अबू बकर नकवी, एस.के. मुद्दीन, डॉ. ताहिर, इरफान अली पिरजादे, इस्लाम अब्बास, सय्यद रजा रिजवी, रेशमा हुसेन, एड. शाहीन परवेज, एड. सिराज कुरेशी, मोहम्मद फ़ैज़ खान, बिलाल-उर-रहमान, फारुक अहमद खान, मोहम्मद मजाहिर खान, डॉ. लतीफ़ मगदुम, डॉ. माजिद अली तलिकोटी, मौलाना कौकब मुजतबा, मौलाना सुहैब कासमी, मौलाना इरफान, फातिमा, शब्बीर शाह, नाजनीन अंसारी, नज़मा परवीन, सय्यद फ़ैयाज़ उद्दीन, एम.ए. सत्तार, फारुख खान, ठाकुर राजा रईस, एड. सुबुही खान, आसिफा, नजीर मीर, खुर्शीद राजका, डॉ. इमरान चौधरी, रफ़ीक़, हिदायतुलाह, बदरुद्दीन हलनी, जहीर कुरेशी, सलीम खान पठन, डॉ. अकील अहमद, प्रोफेसर इरतजा करीम, प्रो. ऐनुल हसन, प्रो. फ़ज़लूर रहमान, एड. तनवीर अब्बास, डॉ. शमीम अंसारी, डॉ. एहरार हुसेन, डॉ. अरशद इकबाल समेत देशभर के पदाधिकारियों ने वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से हिस्सा लिया। हिन्दुस्थान समाचार/ पवन-hindusthansamachar.in

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