आतंकी संगठन लाल किले पर खालिस्‍तानी झंडा फहराना चाहता है, हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां
आतंकी संगठन लाल किले पर खालिस्‍तानी झंडा फहराना चाहता है, हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

आतंकी संगठन लाल किले पर खालिस्‍तानी झंडा फहराना चाहता है, हाई अलर्ट पर सुरक्षा एजेंसियां

- आईबी ने एक दिन पहले ही जारी किया था खालिस्तानी संगठन एसएफजे को लेकर अलर्ट जितेन्द्र बच्चन नई दिल्ली, 13 अगस्त (हि.स.)। अमेरिका में सक्रिय खालिस्तान समर्थित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारत में 15 अगस्त को लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को 125,000 डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है। इससे पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने एसएफजे की गतिविधियों से सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट किया था, लेकिन अब झंडा फहराने वाले ऐलान को लेकर राजधानी दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों ने और सतर्कता बढ़ा दी है। भारत के खिलाफ नापाक साजिश रच रहे प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन एसएफजे के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नु ने सोशल नेटवर्किंग साइटों पर एक संदेश डाला है। उसके मुताबिक अगर कोई 15 अगस्त को लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराता है तो उसे 125,000 डॉलर का इनाम दिया जाएगा। पन्नु का कहना है कि 15 अगस्त हमें 1947 में बंटवारे के समय हुई त्रासदी की याद दिलाता है। हमारे लिए कुछ भी नहीं बदला है। खालिस्तानी आतंकी के संदेश पर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि पिछले 2 महीने से कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। पन्नु और उसके साथियों के खिलाफ 6 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उसका नया संदेश आतंक पैदा करने के लिए एसएफजे द्वारा किया गया एक प्रयास है। दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी संदिग्धों पर पैनी नजर रख रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 45 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी पहरा देंगे। इसके अलावा लाल किले के चारों ओर 5 किलोमीटर की परिधि में ऊंची इमारतों पर दो हजार से अधिक स्नाइपर्स की तैनाती की जाएगी। उल्लेखनीय है कि खालिस्तान समर्थक समूह ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उसने 15 अगस्त को अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, इटली, जर्मनी, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भारतीय दूतावासों के सामने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान अपने अलगाववादी एजेंडे ‘रेफरेंडम-2020’ के लिए मतदाता पंजीकरण शिविर आयोजित करने की योजना बनाई है। इसके अलावा ‘रेफरेंडम 2020’ की वकालत करने के लिए जुलाई 2019 में गृह मंत्रालय द्वारा प्रतिबंधित एसएफजे ने चार जुलाई से पंजाब, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग पोर्टलों के माध्यम से ‘रेफरेंडम 2020’ के लिए अपना ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण शुरू करने का प्रयास किया, मगर संगठन कथित तौर पर समर्थन नहीं जुटा सका। इसके साथ ही इस संगठन का अब तक भारत विरोधी हर प्रयास विफल ही हुआ है। सूत्रों के मुताबिक पन्नु के मेल की सुरक्षा एजेंसियां जांच कर रही हैं। साथ ही स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फराने वाले धमकी भरे संदेश को लेकर जल्द ही केस दर्ज हो सकता है। फिलहाल, उसकी चेतावनी के बाद राजधानी दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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