आईटीबीपी का 56 सदस्यीय दल गंगोत्री-2 चोटी के लिए रवाना
आईटीबीपी का 56 सदस्यीय दल गंगोत्री-2 चोटी के लिए रवाना

आईटीबीपी का 56 सदस्यीय दल गंगोत्री-2 चोटी के लिए रवाना

दल में 30 पर्वतारोही शामिल, गंगोत्री-2 की ऊंचाई 21,620 फीट उत्तरकाशी 11, सितम्बर( हि.स.)। 21,620 फीट की ऊंचाई पर गंगोत्री-2 चोटी को आरोहण करने के लिए भारत-तिब्बत सीमा में तैनात आईटीबीपी का 56 सदस्यीय दल रवाना हुआ है। इस दल में 30 पर्वतारोही शामिल हैं। गंगोत्री-2 चोटी को सबसे चुनौतीपूर्ण और तकनीकी रूप से कठिन चढ़ाई माना जाता है। आईटीबीपी ने अब तक 201 पर्वत चोटियों का सफलता पूर्वक आरोहण किया। आईटीबीपी पर्वतारोही दल को उपमहानिरीक्षक आईपीएस अपर्णा कुमार सिंह ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इस मौके पर निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, 35वीं वाहिनी के कमाण्डेन्ट अशोक कुमार बिष्ट, डिप्टी कमांडेंट अरविंद कुमार समेत आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर डीआईजी अपर्णा कुमार सिंह ने कहा कि विश्व मे फैली कोरोना महामारी में पर्वतारोहण करना चुनौती पूर्ण है।इसके बावजूद आईटीबीपी के पर्वतारोही दल गंगोत्री-टू के आरोहण करने को पूरी तरह तैयार हैं। डीआईजी अपर्णा कुमार सिंह स्वंय पर्वतारोही हैं और वे प्रसिद्ध चोटियों का आरोहण कर चुकी हैं। जून 2019 में अपर्णा कुमार उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के अलास्का में स्थित सर्वोच्च चोटी माउंट डेनाली पर तिरंगा फहराने के साथ ही वह सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों पर भारत का झंडा फहराने वाली प्रथम पुलिस अधिकारी बनी थीं। 13 जनवरी, 2019 को दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम आईपीएस अधिकारी होने का गौरव भी उन्हें ही प्राप्त है। उनका अगला लक्ष्य अप्रैल 2020 में उत्तरी ध्रुव में तिरंगा लहराकर एक्सक्लूसिव क्लब में प्रवेश करना है। इस कामयाबी के बाद वह इस क्लब में पहुंचने वाली पहली महिला सिविल सर्वेंट और आईपीएस अधिकारी बन जाएंगी। मूलत: आंध्र प्रदेश की रहने वाली अपर्णा कुमार उत्तर प्रदेश कैडर के 2002 बैच की आइपीएस अधिकारी हैं। पर्वातारोहण का शौक उन्हें 2012 में लगा, जब वह 9वीं बटालियन पीएसी मुरादाबाद में तैनात थीं। आईटीबीपी से पहले यही बटालियन चीन सीमा की निगहबानी करती थी। ऊंचे हिमशिखरों से जुड़ा इसका एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। यहां पर्वतारोहण के उपकरण, विभिन्न अभियानों से जुड़े किस्से-कहानियां सुनकर अर्पणा की जिंदगी का रुख बदल गया। एक बार कदम बढ़ाए तो फिर पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। हिन्दुस्थान समाचार// चिरंंजीव सेमवाल-hindusthansamachar.in

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