अहमदाबाद : कोरोना मरीजों में को अब पैरालिसिस होने का खतरा
अहमदाबाद : कोरोना मरीजों में को अब पैरालिसिस होने का खतरा

अहमदाबाद : कोरोना मरीजों में को अब पैरालिसिस होने का खतरा

कोरोना ग्रसित मरीजों को अब गुलियन बारी सिंड्रोम बीमारी का खतरा अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में अब तक दस मामले आये सामने अहमदाबाद, 23 दिसम्बर (हि.स.)। अभी कोरोना की वैक्सीन बाजार में नहीं आ पाई है। इसी बीच राज्य में कोरोना से उबरने वाले रोगियों को म्यूकोसल माइकोसिस के बाद गुलियन बारी सिंड्रोम नामक बीमारी के लक्षण दिखने लगे हैं। अहमदाबाद और राजकोट में गुलियन बारी सिंड्रोम के कई मामले सामने आए हैं। यह पुरानी बीमारी उन रोगियों में फैल रही है जो कोरोना या अंगों के पक्षाघात से उबर चुके हैं। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में इस तरह के दस मामले सामने आए हैं। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. जेपी मोदी ने बताया कि वर्तमान में सिविल अस्पताल में एक हजार में से लगभग 10 रोगियों में इस बीमारी के लक्षण दिखे हैं। चिन्ता की बात यह है कि इस बीमारी के लक्षण उन मरीजों में देखे जा रहे हैं, जो कोरोना की चपेट में आए हैं।उन्होंने बताया कि यह एक वायरल संक्रमण कोई नई बीमारी नहीं है, बल्कि एक पुरानी बीमारी है। डॉक्टर ने बताया कहा कि गुइलेन-बर्र सिया सिंड्रोम अब कोविड होने के बाद उग्र हो गया है। कोरोनरी धमनी की बीमारी के बाद अंगों का पक्षाघात, पैरों में कमजोरी आ जाती है। यह रोग पूरे शरीर की नसों को प्रभावित करता है, जिससे पक्षाघात और मस्तिष्क हो सकता है। उन्होंने बताया कि टॉक्सिलिज़ुमाब और रेमेडिसविर इंजेक्शन के कारण कोरोनाग्रस्त काल में प्रतिरक्षा कम हो जाती है। यही वजह है कि कोविड से उबरने वाले रोगियों में इस तरह के अधिक मामले देखे जाते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, यह बीमारी दो से छह सप्ताह में बढ़ती है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना से उबरने वाले मरीज़ म्यूकसर माइकोसिस से पीड़ित हो सकते हैं। अहमदाबाद सिविल में 44 मामले केवल दो महीने में सामने आए, जिनमें से नौ की मौत हो चुकी है। हालांकि, अब मामलों की संख्या बढ़कर 51 हो गई है और मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। सिविल अस्पताल में अब तक कोरोना के19 मरीजों की आंख की रोशनी भी लगभग चली गई है। सिविल अस्पताल के ईएनटी विभाग के प्रमुख डॉु इलाबाबेन उपाध्याय ने माना कि इस तरह के मामले भी सिविल अस्पताल में आए थे। हिन्दुस्थान समाचार/हर्ष/पारस-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in