असम-मिजोरम सीमाई इलाके में पथ अवरोध समाप्त
असम-मिजोरम सीमाई इलाके में पथ अवरोध समाप्त

असम-मिजोरम सीमाई इलाके में पथ अवरोध समाप्त

कछार (असम), 12 नवम्बर (हि.स.)। असम-मिजोरम सीमाई इलाके में हिंसा व आगजनी के बाद मिजोरम का आर्थिक अवरोध आखिरकार बीती देर रात समाप्त हो गया। दोनों राज्यों की सीमा पर कछार जिला के लैलापुर क्षेत्र में स्थानीय असम के लोगों ने मिजोरम की ओर जाने वाले वाहनों को रोके रखा था। लगातार 15 दिनों की आर्थिक नाकेबंदी के बाद प्रदर्शनकारियों के साथ त्रिपक्षीय बैठक बुधवार को आयोजित की गई थी। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला था। अंत में बुधवार की रात इलाके के दो प्रभावशाली युवकों राजू अहमद और सुपारी विक्रेता अबू ने प्रदर्शनकारियों के साथ स्थिति पर चर्चा की और उन्हें नाकाबंदी हटाने के लिए राजी किया। इस बीच जिला प्रशासन ने सुरक्षा बलों की संख्या को बढ़ाते हुए प्रदर्शनकारियों को जबरन हटा दिया और राष्ट्रीय सड़क की नाकेबंदी को खाली करा दिया जिसके बाद असम के सिलचर-आइजोल राष्ट्रीय राजमार्ग-306 पर वाहनों की आवाजाही सामान्य हो गयी। सीमावर्ती क्षेत्रों में एसएसबी को तैनात किया गया है, जिसके चलते सीमा पर स्थिति सामान्य हो गई है। इससे पहले बुधवार को मिजोरम के कोलाशिब जिला प्रशासन और असम के कछार जिला प्रशासन ने लैलापुर वन विभाग के बिट ऑफिस में प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक की। बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग से नाकाबंदी को उठाने के बारे में चर्चा हुई, लेकिन मिजोरम द्वारा भूमि कब्जाने के बारे में कोई बात नहीं हुई। प्रदर्शनकारी अपने फैसले में अड़े रहे। उनका कहना था कि असम की भूमि को मिजोरम द्वारा खाली करने तथा मिजोरम में आईआरपी बटालियन को सीमा से हटाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। त्रिपक्षीय बैठक में कोलाशिब प्रशासन को बताया गया कि प्रदर्शनकारियों को मिज़ोस द्वारा कब्जा की गई भूमि को छोड़ना होगा और आईआरपी को सीमा से हटाना होगा। इस दौरान यह भी कहा गया कि दोनों राज्यों का सीमांकन केंद्र का विशेषाधिकार है और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। केंद्र के निर्देशों का पालन करते हुए, मिजोरम ने सीमा सड़कों से आईआरपी बलों की संख्या कम कर दी है। चर्चा में यह सहमति बनी कि जिला प्रशासन वाहनों और ड्राइवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन सुरक्षा को लेकर नहीं था। साथ ही कहा कि मिजो पुलिस और सीमाई इलाके में कब्जा की गयी असम की भूमि को खाली किए जाने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। बैठक में कोलाशिब जिला मजिस्ट्रेट एच लालतांगलिया, पुलिस अधीक्षक वनलालफेका राठे, एसडीएम इसेक लालरंपुइया और पुलिस अधिकारी लालचुइमुआ उपस्थित थे। जबकि, असम की ओऱ से कछार जिलाधइकारी जिलाधिकारी कीर्ति जल्ली, पुलिस अधीक्षक बीएल मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भार्गब गोस्वामी और सर्कल अधिकारी सुदीप नाथ ने हिस्सा लिया। आंदोलनकारियों की ओऱ से दिलबाक हुसैन लश्कर, महिब उद्दीन लश्कर और अन्य नेता शामिल थे। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद/रामानुज-hindusthansamachar.in

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