अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में सजायाफ्ता पति को उपयुक्त शपथपत्र दाखिल करने का आदेश
अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में सजायाफ्ता पति को उपयुक्त शपथपत्र दाखिल करने का आदेश

अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में सजायाफ्ता पति को उपयुक्त शपथपत्र दाखिल करने का आदेश

-देश का दिल दहला देने वाला हत्याकांड, पत्नी की हत्याकर शव के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में छुपा दिया था नैनीताल, 02 सितम्बर (हि.स.)। नैनीताल हाईकोर्ट ने देहरादून के बहुचर्चित और देश को हिला देने वाले अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में दोषी सजायाफ्ता पति राजेश गुलाटी के अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सुनवाई की। हाईकोर्ट ने राजेश गुटाली को प्रॉपर (उपयुक्त) शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 14 सितम्बर को होगी। गुलाटी ने इस संबंध में याचिका दायर की है। अंतरिम प्रार्थना पत्र पर सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने की। गुटाली ने याचिका में देहरादून कोर्ट के 1 सितम्बर 2017 के आजीवन कारावास की सजा के फैसले को कुछ समय बाद चुनौती दी थी। उल्लेखनीय है कि देहरादून कोर्ट ने सजा के साथ उस पर 15 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसमें से 70 हजार रुपये राजकीय कोष में जमा कराने व बाकी राशि बच्चों के बालिग होने तक बैंक में जमा कराने के आदेश दिए गए थे। कोर्ट ने इस वारदात को जघन्य अपराध की श्रेणी में माना था। राजेश गुलाटी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। 1999 में उसने अनुपमा से लव मैरिज की थी। 17 अक्टूबर 2010 को कैंट के प्रकाश नगर में उसने अपनी पत्नी अनुपमा की हत्या कर दी थी। वारदात को छुपाने के लिए उसने अनुपमा के शरीर को 72 टुकड़े में कर डीप फ्रिजर में छिपा दिया था। 12 दिसम्बर 2010 को अनुपमा का भाई दिल्ली से देहरादून पहुंचा तब हत्याकांड का खुलासा हुआ। निचली अदालत से सजायाफ्ता राजेश गुलाटी ने अपने इलाज के लिए अंतरिम जमानत प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। हिन्दुस्थान समाचार/लता नेगी/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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