अद्भुत है मां नवों देवी का मंदिर, प्रतिमा से होता रहता है जल का रिसाव
अद्भुत है मां नवों देवी का मंदिर, प्रतिमा से होता रहता है जल का रिसाव

अद्भुत है मां नवों देवी का मंदिर, प्रतिमा से होता रहता है जल का रिसाव

बलरामपुर, 30 सितम्बर (हि.स.)। जनपद के परसपुर करौदा में स्थित सिद्धपीठ मां नवो देवी का मंदिर अद्भुत है। मंदिर में स्थापित प्रतिमा से जल का रिसाव होता रहता है। प्रतिमा गहरे स्थान पर स्थापित है। जिसके पीछे एक अलग ही रहस्य बताया जाता है। मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराना है। वर्ष 1244 में मंदिर का जीर्णोद्धार राजाओं के द्वारा कराया गया था। जिसका निर्माण वर्ष मंदिर की दीवार पर अंकित है। मांं नवो देवी के दर्शन पूजन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। गहराई में स्थापित प्रतिमा का रहस्य बताया जाता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व यह वन क्षेत्र था। इसी स्थान पर मजलिस नाथ नाम के एक योगी अपने शिष्यों के साथ रहकर शक्ति की आराधना में लीन थे। उसी दौरान एक दिन उन्होंने स्वप्न देखा कि एक महिला इस स्थान पर कुआं खोदने को कह रही है, अगली रात पुनः वही स्वप्न दिखाई पड़ने पर अपने वह शिष्यों के साथ इस स्थान पर जल कूप की खुदाई करने लगे। खुदाई करते समय एक गहरे स्थान पर एक शिला मिली। फावड़ा शिला से टकराने की वजह से खून बह रहा था। मंदिर के महंत गोपाल नाथ योगी ने बताया कि शिष्यों ने बड़ी सावधानी के साथ उस शिला को निकाला तो आदिशक्ति की नौ अलग-अलग प्रतिमाएं खंडित अवस्था में थी। जिसे उसे गहरे स्थान पर वहीं स्थापित करा दिया गया। आज भी वह शिला गहरे स्थान पर विराजमान है। नव प्रतिमा होने की वजह से यह स्थान नौ देवी के नाम से विख्यात है। श्रद्धालु मांं नौ देवी के दर्शन के लिए दूर-दूर से यहां पहुंचते है। यह भी है यहांं मान्यता यहां मंदिर के प्रांगण में स्थित विशाल पीपल के पेड़ पर श्रद्धालु ईट व कलावा बांधते है। मान्यता है कि ईट व कलावा बांधने से मनौतियां पूरी होती हैं। मंदिर में मौजूद श्रद्धालु राम नरायण, संतोष ने बताया कि मां के दर्शन पूजन के उपरांत यहां मनौतियां मांग कर ईट व कलावा बांधा जाता है। मनौतियां पूरी होने पर यहां आकर उस कलावा को खोल दिया जाता है। प्रतिमा से होता है जल का रिसाव गहरे स्थान पर स्थापित प्रतिमा के एक भाग से जल का रिसाव होता रहता है। महंत गोपाल नाथ योगी ने बताया कि जल का रिसाव गर्मियों के मौसम में बहुत ज्यादा होने लगता है। यहां तक की पानी से यह स्थान लबालब भर जाता है। आने वाले श्रद्धालु यह पानी अपने घरों पर माता का प्रसाद मानकर लेकर जाते हैं। कैसे पहुंचे यहां जिला मुख्यालय बलरामपुर से बलरामपुर-सिद्धार्थनगर बौद्ध परिपथ पर 28 किलोमीटर दूर प्राइवेट अथवा सरकारी बस से अपने प्राइवेट वाहनों से तुलसीपुर नगर पहुंचा जा सकता है। तुलसीपुर पहुंचने के लिए रेल के द्वारा भी यहां पहुंच सकते हैं। तुलसीपुर रेलवे स्टेशन से दक्षिण पश्चिम दिशा में तकरीबन दो किलोमीटर परसपुर करौंदा के ग्राम में स्थापित मंदिर में पैदल अथवा टैक्सी टेंपो से पहुंचा जा सकता है । हिन्दुुुस्थान समाचार/प्रभाकर/दीपक-hindusthansamachar.in

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