अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा किये गए कैदी 31 अगस्त से पहले सरेंडर नहीं करेंगे
अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा किये गए कैदी 31 अगस्त से पहले सरेंडर नहीं करेंगे

अंतरिम जमानत या पैरोल पर रिहा किये गए कैदी 31 अगस्त से पहले सरेंडर नहीं करेंगे

नई दिल्ली, 28 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि जेल प्रशासन ऐसे किसी भी कैदी को 31 अगस्त से पहले सरेंडर करने के लिए नहीं कह सकती, जिन्हें हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक अंतरिम जमानत या पैरोल पर छोड़ा गया है। कोर्ट ने कहा कि हाई कोर्ट ने इन कैदियों की अंतरिम जमानत या पैरोल इसलिए बढ़ाया है ताकि जेलों में कोरोना का संक्रमण न फैले। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता में 25 जुलाई को हाई कोर्ट की फुल बेंच ने एक दोषी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह साफ किया कि हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के मानदंडों की परिधि में जो कैदी आते हैं, उनकी अंतरिम जमानत या पेरोल 31 अगस्त तक बढ़ाई गई है। फुल बेंच ने कहा कि पिछली 13 जुलाई को हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों पर विचार करने के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया था। फुल बेंच ने कहा था कि जिन कैदियों को हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के आधार पर रिहा किया गया है, उनके केसों के गुण-दोषों पर विचार किए बिना उन्हें रिहा किया गया है। कोर्ट ने 13 जुलाई को हाई कोर्ट और निचली अदालतों के किसी भी मामले में यहां तक कि रोक, जमानत, पैरोल से जुड़े उन मामलों के अंतरिम आदेश 31 अगस्त तक बढ़ा दिए थे जिन मामलों में 15 जुलाई या उसके पहले दिए गए थे या उनकी समय सीमा खत्म होने वाली थी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/सुनीत/बच्चन-hindusthansamachar.in

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