with-the-new-education-policy-not-only-india-there-will-be-a-substantial-increase-in-options-and-opportunities-for-the-whole-world-pokhriyal
with-the-new-education-policy-not-only-india-there-will-be-a-substantial-increase-in-options-and-opportunities-for-the-whole-world-pokhriyal

नई शिक्षा नीति से भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए विकल्प और अवसरों में होगी पर्याप्त वृद्धि : पोखरियाल

- प्रथम आसियान-भारत हैकाथॉन को किया संबोधित - भारत और 10 आसियान देशों ने तय किया एक लक्ष्य नई दिल्ली, 1 फरवरी (हि.स.)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 से न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया के लिए विकल्प और अवसरों में पर्याप्त वृद्धि होगी। केंद्रीय मंत्री पोखरियाल ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए पहले ‘आसियान-भारत हैकथॉन’ को एक अनूठी पहल बताते हुए कहा कि यह भारत और आसियान देशों को "ब्लू इकोनॉमी" और "शिक्षा" के दो व्यापक विषयों के तहत अपनी साझी समस्याओं की पहचान करने तथा उनका समाधान निकालने का एक अभूतपूर्व अवसर प्रदान करेगा। इस प्रकार तकनीकी आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। इस अवसर पर सभी 10 आसियान देशों और भारत के सदस्य, विदेश मंत्रालय की पूर्व सचिव रीवा गांगुली दास, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, शिक्षा मंत्रालय के सचिव राकेश रंजन एवं शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ के सीईओ डॉ. अभय जेरे भी उपस्थित थे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह हैकथॉन सभी आसियान देशों (इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, लाओस, म्यांमार, कंबोडिया और वियतनाम) तथा भारत के लिए शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सहयोग के माध्यम से अपने आर्थिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने हैकथॉन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह हैकथॉन हमारी सभ्यता के पांच मौलिक गुणों- सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि का अधिनियमन करेगा। डॉ. निशंक ने कहा, "यह हैकथॉन वास्तव में उस शिक्षा का प्रतिबिम्ब है जो हमारे बहुलतावादी, सह-अस्तित्व आधारित, खुलेपन तथा संवादधर्मी सभ्यता को आगे बढ़ाएगा। लोकतंत्र के आदर्श जो हमें एक राष्ट्र के रूप में परिभाषित करते हैं, वे आदर्श, उस मार्ग का भी निर्माण करते हैं जिस पर चलकर हम पूरी दुनिया और आसियान देशों के साथ जुड़ते हैं।" उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि भारत बहुत ही शीघ्रता के साथ, सुधारों और ढांचागत बदलावों के दौर से गुजर रहा है। इन सुधारों की श्रृंखला में हमने 34 वर्षों के बाद, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया है। इस नीति से न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया के लिए विकल्प और अवसरों में पर्याप्त वृद्धि होगी। केंद्रीय मंत्री ने 2018 में शांगरी-ला संवाद के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के इसी विजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मेरा हमेशा से मानना रहा है कि भारत और आसियान के सदस्य राज्यों के बीच शैक्षिक और अनुसंधान संबंध संस्कृति, वाणिज्य एवं हमारे अन्य संबंधों को और मजबूत करेंगे। आज कई भारतीय विश्वविद्यालय जैसे आईआईटी दिल्ली और तेजपुर विश्वविद्यालय आसियान देशों के छात्रों की मेजबानी करते हैं। भारत सरकार ने भी आसियान नागरिकों के लिए विशेष रूप से हजार आसियान पीएचडी फैलोशिप शुरू की है। हिन्दुस्थान समाचार/सुशील-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in