WhatsApp's new privacy policy challenged in Delhi High Court
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व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती

नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीयता को खतरा है। याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी किसी यूजर की सभी आनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है। याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में यूजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा। याचिका में व्हाटस ऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है। याचिका में मांग की गई है कि व्हाट्स ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को मौलिक अधिकारों के मुताबिक तय करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं। केंद्र सरकार इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 79(2)(सी) और धारा 87(2)(जेडजी) के तहत मिले अधिकारों का उपयोग करते हुए ये सुनिश्चित करे कि व्हाट्स ऐप किसी भी यूजर का डाटा किसी भी तीसरे पक्ष या फेसबुक को किसी उपयोग के लिए शेयर नहीं करे। व्हाटस ऐप की प्राइवेसी पॉलिसी के मुताबिक वो यूजर का डाटा किसी तीसरे पक्ष को शेयर नहीं करने के अधिकार को छीनता है। अगर व्हाटस ऐप यूजर्स का डाटा फेसबुक को शेयर करती है तो इसका मतलब है कि वो हर सेकंड यूजर का डाटा संग्रह करेगा और एक तरह से वो फेसबुक और उसकी कंपनियों की निगरानी में रहेगा। ऐसा करना गैरकानूनी है। व्हाटस ऐप के यूजर एक-दूसरे को संदेश देने के लिए उसका उपयोग करते हैं लेकिन उन सूचनाओं का उपयोग किसी और पक्ष से करना गैरकानूनी है। उल्लेखनीय है कि पिछले 4 जनवरी को व्हाट्स ऐप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करते हुए अपने यूजर्स को इसे स्वीकार करने को कहा है। व्हाट्स ऐप ने कहा है कि अगर यूजर अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं करता है तो 8 फरवरी के बाद उसकी सेवाएं बंद कर दी जाएंगी। व्हाटस ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी यूरोप में लागू नहीं की गई है। यूरोप में डाटा प्रोटेक्शन का कानून है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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