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पश्चिम बंगाल पुलिस सभी जिलों में स्थापित करेगी डॉग स्क्वैड

कोलकाता, 6 नवंबर (आईएएनएस)। बहुत कम लोग जंजीर के योगदान को भूल सकते हैं - लैब्राडोर र्रिटीवर, जिसने मुंबई पुलिस के साथ एक खोजी कुत्ते के रूप में काम किया और 1993 के मुंबई विस्फोटों के दौरान कई विस्फोटों को रोकने में मदद की। उसकी त्रुटिहीन सेवा को देखते हुए जंजीर का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया था। मार्च 1993 में भारत की वित्तीय राजधानी को हिला देने वाले कई विस्फोटों के दौरान जंजीर ने कम से कम तीन हमलों को रोकने में मदद की। ना केवल आरडीएक्स और जिलेटिन स्टिक का पता लगाया, बल्कि 100 से अधिक एके 56 राइफल, 9 मिमी पिस्तौल और 200 ग्रेनेड बरामद करने में भी सहायता की। राज्य में अपराध के बढ़ते मामलों के साथ, पश्चिम बंगाल पुलिस, (जिसके पास वर्तमान में 60 सदस्यीय डॉग स्क्वैड है) ने राज्यभर में डॉग स्क्वैड की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। राज्य पुलिस निदेशालय ने अपराधियों, ड्रग्स और विस्फोटकों का पता लगाने के लिए अतिरिक्त 216 कुत्तों की खरीद के लिए राज्य सचिवालय को एक प्रस्ताव भेजा है। राज्य पुलिस को उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी। राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, कुछ जिलों और आयुक्तालयों में डॉग केनेल और डॉग स्क्वैड हैं, लेकिन वे सभी जिलों और कमिश्नरियों में उपलब्ध नहीं हैं। राज्य सचिवालय को भेजे गए प्रस्ताव में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस राज्य के सभी 38 जिलों और कमिश्नरियों में डॉग केनेल और डॉग स्क्वैड बनाने की इच्छुक है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, प्रस्ताव के अनुसार, सभी जिलों और आयुक्तालयों में चार कुत्ते - दो क्राइम ट्रैकर और दो खोजी होंगे। उनके लिए अलग केनेल और पशु चिकित्सक होंगे। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि तस्करी के मामले सामने आते हैं। सीमावर्ती जिलों जैसे जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, मालदह और मुर्शिदाबाद से अधिक, इन जिलों को अतिरिक्त कुत्तों को आवंटित किया जाएगा। राज्य पुलिस के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वर्तमान में राज्य में 60 कुत्ते हैं, जिनमें से 10 बैरकपुर के स्वामी विवेकानंद प्रशिक्षण केंद्र में तैनात हैं। बाकी कुत्ते अलग-अलग जिलों और कमिश्नरियों में तैनात हैं। अधिकारी ने कहा, ज्यादातर जिलों में अपना डॉग स्क्वैड नहीं है, इसलिए उन्हें जांच के दौरान पड़ोसी जिलों से कुत्तों को उधार लेना पड़ता है। इसमें समय लगता है और जांच प्रक्रिया में बाधा आती है। अधिकारी ने कहा, यदि प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, तो प्रत्येक जिले और आयुक्तालय में डॉग स्क्वैड होंगे, जो जांच की प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद करेंगे। इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षो में हत्या, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के मामले बढ़े हैं, इसलिए उपस्थिति ये प्रशिक्षित कुत्ते अपराधों का तेजी से पता लगाने में मदद करेंगे। दस्तों में एक समय में चार से पांच कुत्ते होंगे। कोलकाता और उसके उपनगरों में कुछ हालिया हत्याओं के बाद डॉग स्क्वैड की संख्या बढ़ाने की योजना और मजबूत हो गई। हाल ही में गरियाहाट हत्याकांड में एक कुत्ते ने पुलिस को अपराधियों का शीघ्र पता लगाने में मदद की। पुलिस कुत्ते के निष्कर्षो के आधार पर कार्रवाई कर सकती थी। हवाईअड्डे पर भी कुत्ते ड्रग्स का पता लगाने का काम सफलतापूर्वक कर रहे हैं। इसलिए हम अपराधों का जल्द पता लगाने में मदद के लिए डॉग स्क्वैड की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। --आईएएनएस एचके/एसजीके

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