हर घर में कुआं : भटगांव में आज भी कुओं का उपयोग करते हैं ग्रामीण
हर घर में कुआं : भटगांव में आज भी कुओं का उपयोग करते हैं ग्रामीण

हर घर में कुआं : भटगांव में आज भी कुओं का उपयोग करते हैं ग्रामीण

धमतरी, 08 जुलाई ( हि.स.)। एक तरफ जब शहर समेत अनेक गांवों में भूजल का स्तर कम होते जा रहा है, तो दूसरी ओर ग्राम भटगांव जैसे गांव भी है, जहां मात्र 12 से 15 फीट की गहराई में पानी मिल जाता है। साढ़े चार हजार की आबादी वाले इस गांव में लगभग सभी घरों में एक से पांच कुएं हैं। लोगों ने मनमाफिक गोल, चौकोर आकृति के कुएं बना रखे हैं। भीषण गर्मी में भी यहां एक भी कुआं नहीं सूखता। शहर से छह किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम भटगांव पानी के मामले में अन्य गांवों से समृद्ध है। पानी को लेकर यहां लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होती। पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो जाने से किसान रबी फसल भी आसानी से लेते हैं। बोर फेल हो जाने के नाम से यहां फसल कभी नहीं सूखती। गर्मी में बढ़ता है वाटर लेबल अन्य दिनों में वैसे तो यहां के कुओं में सामान्य स्तर पर पानी रहता है लेकिन गंगरेल से पानी छोड़े जाने पर यहां का जलस्तर बढ़ जाता है। पूर्व सरपंच मोहित देवांगन बताते हैं कि जल स्तर गर्मी में कम होने की बजाय बढ़ता है। इससे पानी भरने के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ती। गांव के नेमू ढीमर, बुधराम साहू पानी के मामले में अपने गांव की प्रशंसा रिश्तेदारों के मुंह से सुनकर फूले नहीं समाते। चिलचिलाती गर्मी में कई गांवों के कुएं सूख जाते हैं, लेकिन गर्मी मौसम का इस गांव में फर्क नहीं पड़ता। इन्होंने बताया कि उनके पूर्वर्जों ने सालों पहले जल संरक्षण के उद्देश्य से घरों में दो से चार कुएं बनवाए थे, जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। गांव के ही मोहन साहू, महेश साहू ने बताया कि बचपन से यहां कुओं को हर सीजन में पानी से भरा हुआ देख रहे हैं। गर्मी का ऐसा कोई साल नहीं आया जिसमें पानी के लिए लोगों को भटकना पड़ा हो। गांव में भले ही किसी मुद्दे को लेकर लोगों के बीच लड़ाई होती है लेकिन पानी के लिए लोग कभी नहीं लड़ते। कोष्टापारा की जानकी बाई साहू ने बताया कि शादी सीजन में दूसरे गांव भी जाना पड़ता है, लेकिन अन्य स्थानों पर यहां जैसी स्थिति नहीं रहती। कहीं तालाब ज्यादा दूर रहता है तो कहीं एक-एक बाल्टी के लिए तरसना पड़ता है। इस मामले में यहां किसी तरह की परेशानी नहीं है। दुर्गेश साहू का कहना है कि कम से कम पानी के लिए यहां किसी तरह की खींचतान नहीं होती। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा-hindusthansamachar.in

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