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देश के 1 लाख गांवों और 50 हजार ग्राम पंचायतों में मिल रहा नल से जल : केंद्र

नई दिल्ली, 14 जुलाई (आईएएनएस)। जल शक्ति मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि एक लाख गांव और 50 हजार ग्राम पंचायतों में प्रत्येक परिवार को नल से जल मिल रहा है। केंद्र सरकार की हर घर जल के तहत प्रतिबद्धता को लेकर यह एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। जल जीवन मिशन ने 23 महीने की छोटी अवधि में पूरे भारत के एक लाख गांवों में हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने में एक मील का पत्थर हासिल कर लिया है। इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के शुभारंभ के समय, देश के 18.94 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3.23 करोड़ (17 प्रतिशत) के पास नल के पानी के कनेक्शन थे। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन व्यवधानों के बावजूद, जल जीवन मिशन ने 23 महीनों में 4.49 करोड़ नल के पानी के कनेक्शन प्रदान किए और इन पंचायतों में हर घर में नल के पानी की आपूर्ति करके 50,000 ग्राम पंचायतों को हर घर जल के तहत सक्षम भी बनाया है। आज 7.72 करोड़ (40.77 प्रतिशत) घरों में नल के पानी की आपूर्ति पहुंच गई है। गोवा, तेलंगाना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और पुडुचेरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 100 प्रतिशत नल के पानी की आपूर्ति हासिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के ²ष्टिकोण के बाद, मिशन का आदर्श वाक्य है कि कोई भी छूट न जाए और गांव के हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराया जाए। वर्तमान में 71 जिलों, 824 प्रखंडों, 50,309 ग्राम पंचायतों और 1,00,275 गांवों ने हर घर जल का लक्ष्य हासिल कर लिया है। जल जीवन मिशन केवल जल आपूर्ति बुनियादी ढांचा प्रदान करने के बजाय जल सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित करता है। जेजेएम के तहत, उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक घर की सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद नल के पानी की आपूर्ति हो। प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल का पानी उपलब्ध कराने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार द्वारा 3.60 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 2020-21 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 11,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। जल जीवन मिशन के तहत, पानी की कमी वाले क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित गांवों, आकांक्षी जिलों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों और सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाई) गांवों को नल जल आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा सरकार की प्राथमिकता में जल गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र, सूखे के संभावित गांव, रेगिस्तानी क्षेत्र आदि भी शामिल हैं। --आईएएनएस एकेके/एएनएम

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